राजधानी न्यूज़ डेस्क …. नीमच नगरपालिका में लाखों रूपए के संसाधन कबाड में तब्दील हो रहे है। शहर में स्वच्छ भारत का ढिंढोरा पीटने वाले अफसर किन्तु नगर पालिका की संपत्ति की सुरक्षा करने में पीछे है । इन दिनों जनता की कमाई से लिए गए लाखों रूपए के साधन,संसाधनों का कोई उपयोग नहीं हो रहा है, लाखो रुपया के उपयोग के सामान कबाड में जंग के हवाले पडे हुए है। कांग्रेस पार्षद ने जनहित में इस मामले को उठाते हुए नपा के सीएमओ और अन्य जिम्मेदारों की लापरवाही को उजागर किया है।
नगर पालिका ने करीब पांच लाख रूपए के स्वच्छता अभियान के तहत पिछले साल डस्टबिन खरीदे थे, अब ये नपा के कबाड में पडे हुए है। इसी प्रकार सडकों की धूल साफ करने की मशीन भी जंग खा रही है। ट्रेक्टर—ट्रॉली पंचर पडै है, वेक्यूम मशीन,जेसीबी भी कोई उपयोग में नहीं लाई जा रही है। शहर की जनता को सुविधाएं मुहैया करवाने का अधिकारियो का कोई इरादा नहीं दिखता।
स्वच्छ भारत के नाम पर इस साल भी होगी बंदरबाट
नीमच नगर पालिका के एक कांग्रेसी पार्षद महेंद्र लोकस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नगर पालिका पर आरोप लगाए है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत वर्ष 2019 के लिए सर्वे भी शुरू हो गया है। पिछले साल स्वच्छता अभियान के तहत करीब पचास लाख रूपए आए थे। नपा ने बीस लाख रूपए खर्च किए। इस राशि में जमकर बंदरबाट हुआ। स्वच्छता अभियान का प्रचार—प्रसार कागजों में हुआ, दीवारें भी पुत गई। इस साल भी नपा के अधिकारी जमकर भ्रष्टाचार करने के मूड में है। शहर में स्वच्छता के नाम पर लाखों रूपए तो फूंके जा रहे है, किन्तु हकीकत किसी से छिपी नहीं है। शहर में कई जगहों पर गंदगी के ढेर लगे हुए है।