अरुण सूर्यवंशी बैतूल ब्यूरो – बैतूल जिले के मोहदा थाने के धुंधरी गांव में एक 17 नाबालिक का शव दुकान में जला हुआ पुलिस को मिला है …
बैतूल जिले के धुंधरी गांव में पान के टप में 17 साल के नाबालिग का जला हुआ शव मिला है । वह टेरम गांव का रहने वाला था और दोस्ताें के साथ यहां आया था। उसे यहां रात में जमकर शराब पी । दोस्तों का कहना है कि ज्यादा शराब पीने पर वह उसे छोड़कर चले गए थे । पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। यह खुलासा नहीं हुआ है कि नाबालिग पान के टप में ताला तोड़कर खुद घुसा था या उसे वहां लाकर फेंका गया ? आग गलती से लग गई या किसी ने लगाई ? जिस दुकान में शव मिला है उसका संचालक वहां पर किराना के साथ पेट्रोल भी बेचता था । बताया जा रहा है कि गांव की महिलाएं पानी भरने के लिए हैंडपंप पर जा रही थीं तभी पान टप से धुआं निकलते देखा तो दुकान संचालक शोभाराम को इसकी जानकारी दी। दुकानदार शोभाराम ने देखा तो दुकान का ताला टूटा हुआ था। दरवाजा खोला तो अंदर एक लड़का जल रहा था। दुकानदार ने सूचना 100 डायल को दी । मोहदा थाना प्रभारी पुरुषोत्तम गौर पहुंचे फाॅरेसिंक टीम बुलवाई। अधजले शव को पान दुकान से निकाल पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है । घटना की जानकारी लगते ही एसपी सुश्री सिमाला प्रसाद, एसडीओपी शिवचरण गोहित भी मौके पर पहुंचे।
मोहदा थाना प्रभारी पुरुषोत्तम गौर ने बताया टेरम गांव का रहने वाला दिलीप अपने चार दोस्तों के साथ धुंधरी गांव में पोला पर्व मनाने आया था। गांव में नाबालिग ने अधिक शराब पी थी। इस कारण उसके दोस्त उसे छोड़कर गांव लौट गए थे। जानकारी मिलते ही पुलिस ने चार दोस्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। घटना के बारे मे पाेस्टमार्टम रिपाेर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। गाैरतलब है कि यह पर्व आदिवासी समाज मनाता है। यह पाेला अमावस्या के दूसरे दिन से ऋषि पंचमी तक मनाया जाता है। घटना ऋषि पंचमी की रात में हुई।
पानठेले में जले शव के कपड़े आधे जले हुए थे। उसके गले में लॉकेट था। उस लॉकेट से शव की पहचान दिलीप पिता दामजी (17) के रूप में की गई। नाबालिग धुंधरी गांव से चार किमी दूर टेरम गांव का रहने वाला है। सूचना मिलने पर उसकी मां कैलोबाई माैके पर पहुंची और पुत्र के रूप में उसकी पहचान की। जानकारी के अनुसार मृतक दिलीप चार भाइयाें में सबसे छाेटा था। उसने आठवीं तक पढ़ाई की थी, इसके बाद पढ़ाई छाेड़ दी। घर के सभी लाेग खेतीहर मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं।