संजय दुबे –
मध्य प्रदेश को हाल ही में टाइगर स्टेट का दर्जा बमुश्किल मिला है और आज ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ शावक ओर बाघिन की मौत हो गई , बांधवगढ़ पार्क में संदिग्ध परिस्थिति में मौत के पीछे आखिर क्या वजह है …
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ से आ रही खबर ने विन बिभाग की पोल कर रख दी है। बाघो के संरक्छण पर वन विभाग पहले ही दिन फिसड्डी साबित हुआ। बांधवगढ़ पार्क में एक शावक ओर टी 62 नाम की बाघिन के शव मिले है । सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार बाधवगढ़ रिजर्व एरिया कलवाह बीट में एक नो माह के शावक ओर टी 62 बाघिन के शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिले है । इस खबर ने पार्क की सुरक्छा पर सवालिया निशान लगा दिए हैं ।
वन विभाग को देना होगा इनका जबाब …
आखिर कैसे हुई शावक और बाघिन की मौत ?
आखिर कैसे एक शावक ओर बाघिन की मौत हो गई ?
कहीं ये शिकार का मामला तो नही ?
बांधवगढ़ पार्क में कहा थी वन विभाग की टीम ?
सुरक्छा में आखिर कैसे चूक हुई ?
जबाबदार कौन अधिकारी हैं ?
मप्र के पार्कों में कही शिकारी तो सक्रिय नही ?
ऐसे कई सवाल खड़े होते हैं जिनका वन विभाग को जबाब देना होगा ।
आज ही मिला दर्जा ओर आज ही मप्र में बाघिन सहित शावक की मौत …
मप्र में देशभर में सर्वाधिक बाघों के साथ प्रथम स्थान पर है और मप्र टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2019 के अवसर पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2967 बाघ हैं। इनमें सबसे ज्यादा 526 बाघ मध्यप्रदेश में हैं। 524 बाघ के साथ कर्नाटक दूसरे और 442 बाघ के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है। बाघ दिवस पर मध्यप्रदेश को मिली। वर्ष 2014 में देशभर 2226 बाघ थे महज 4 वर्ष में ही बड़कर 2967 हो गये । अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में सर्वाधिक बाघ मप्र में होने की घोषणा की ।