आलोक सिंह नरसिंहपुर ब्यूरो – नरसिंहपुर जिले में एक कुत्ते ने अपने बीमार साथी की जान रक्तदान कर बचाई , आज दोनों कुत्ते सुरछित हैं …
जर्मन शेफर्ड लियो ने रक्तदान कर बचाई जिमी की जान,रौंसरा गांव में दो पशु चिकित्सकों की देखरेख में एक ही नस्ल के कुत्तों का ब्लड डोनेशन ।
नरसिंहपुर रक्तदान से एक इंसान के दूसरे इंसान की जान बचाने के किस्से तो आपने खूब सुने होंगे लेकिन किसी डॉग से रक्तदान कर दूसरे डॉग की जीवन बचाने का मामला शायद ही कभी देखा या सुना गया हो । नरसिहपुर से लगे रौंसरा गांव में ऐसा ही कुछ हुआ है । जहां जर्मन शेफर्ड नस्ल के जिमी नाम के एनीमिक डॉग की जीवन रक्षा करने उसी नस्ल के लियो नाम के डॉग से रक्तदान कराया गया । यह सब दो निजी पशु चिकित्सकों की देखरेख में किया गया । जिससे अब न केवल रक्तदाता लियो डॉग स्वस्थ है बल्कि जिमी की कमजोरी भी दूर हो रही है । रौंसरा निवासी वंदना जाटव के 6 वर्षीय जर्मन शेफर्ड नस्ल का डॉग करीब एक माह से बीमार था और वह काफी कमजोर हो गया था । पशु चिकित्सकों को दिखाया तो उन्होंने आवश्यक दवाइयां तो कीं लेकिन उसे रक्त लगवाने की सलाह दी । यह भी कहा कि जरूरी नहीं कि जर्मन शेफर्ड नस्ल के डॉग का ही रक्त लगे। वह देशी नस्ल के डॉग का रक्त भी लगवा सकते हैं। इस संबंध में जब कोसमखेड़ा निवासी महेंद्र प्रताप सिंह से चर्चा की गई तो वह अपने घर पाले गए इसी नस्ल के डॉग का रक्त देने के लिए राजी हो गए और डॉग लेकर घर आए । उनके घर में ही दो प्राइवेट डॉक्टरों ने डॉग से रक्तदान कराया । पशु धन जीवनी केंद्र के डॉ का कहना है कि ब्लड डोनेट करने वाला डॉग स्वस्थ है ।