दिव्यांग प्रसूता को झोली में अस्पताल ले गए ग्रामीण
rajdhani news desk mpcg – बड़वानी जिले के चाचरिया पंचायत के नवाड़ फलिया में पक्की सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को लकड़ी के सहारे कपड़े की झोली में गर्भवती महिला को लेटाकर तीन किमी दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाना पड़ा …
बड़वानी जिले के चाचरिया पंचायत के नवाड़ फलिया में वर्षों से पक्की सड़क नहीं बनी है। इससे ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश में हर साल मार्ग पर कीचड़ हो जाता है। इससे फलिये में न जननी एक्सप्रेस आती है और न बाइक से आवागमन हो पाता है । 27 वर्षीय दिव्यांग गायत्रीबाई पत्नी राहुल को प्रसव पीड़ा हुई। महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे झोली में डालकर 3 किमी का सफर पैदल तय कर चाचरिया ले जाना पड़ा। स्थिति गंभीर होने पर महिला को चाचरिया अस्पताल से सेंधवा सिविल अस्पताल रेफर किया गया। जहां पर जच्चा-बच्चा को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। नवाड़ फलिया के 3 किमी के हिस्से में बारिश के मौसम में कीचड़ होने से वाहन नहीं आ पाते। ऐसे में ग्रामीणों को कीचड़ वाले रास्ते से आना-जाना पड़ रहा है।
देश के 117 आकांक्षी जिलों में शामिल है बड़वानी
दो साल पहले नीति आयोग ने देश के 117 आकांक्षी जिलों में बड़वानी का चयन किया। बताया गया कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत पिछड़े जिलों की स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी आधारभूत जरूरतों पर काम होगा। तब बड़वानी जिले नीचे से टॉप 20 था। दो साल में नीति आयोग की करीब 5 बैठकें हुई लेकिन आकांक्षी जिले को लेकर सेहत और शिक्षा का स्तर खास नहीं सुधरा।