आशीष रावत पिपरिया _ बढ़ते तापमान से चिंतित पिपरिया शहर वासियों ने जहां एक पहल करते हुए ग्रीन सिटी का संकल्प लिया वही शहर के शासकीय विभाग इस सपने को चकनाचूर करने पर आमादा हैं। जनपद पंचायत पिपरिया के परिसर में लगे 25 साल पुराने हरे भरे वृक्षों की बलि दे दी गई । इस घटना ने शासकीय पदो पर बैठे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया ।
पिपरिया मौसम के बदलते रुख ओर पृथ्वी के तापमान में साल दर साल हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए जहां एक ओर पिपरिया की जनता ने प्रकृति को बचाने ग्रीन सिटी का संकल्प लिया वही शहर के शासकीय विभागों में आसीन अधिकारी इस सपने को चकनाचूर करने पर उतारू हैं। शहर की जनता छेत्र में पौधा रोपण कर प्रकति का संतुलन बनाने के प्रयास में जुटी है । वही जनपद पंचायत परिसर में अधिकारी सुख सुविधाओं के लिये सालों से लगे हरे भरे पेड़ो को कटवाने पर उतारू हैं। जनपद पंचायत पिपरिया के परिसर में लगा 25 साल पुराना पेड़ सिर्फ इसलिये काट दिया गया कि वहां सार्वजनिक प्रसाधन बनना है। इस लिहाज से पेड़ बीच मे आ रहा था।
अब सबाल उठना लाजमी है
जनपद पंचायत परिसर में पूर्व से सार्वजनिक प्रसाधन के लिए अलग कछ मौजूद था फिर क्यो उसे तोड़कर नया बनाया जा रहा है
जनपद परिसर में खाली जगह पर्याप्त मात्रा में है फिर क्यो ऐसी जगह का चयन किया जा रहा जिसके लिये सालों पुराने हरे भरे पेड़ो की बलि दी जा रही है।
क्या विभाग ने एक हरे भरे पेड़ को काटने की अनुमति ली थी।
क्या ये हर इंसान का दायित्व नही की वो जहां तक सम्भव हो हरे भरे पेड़ की सुरक्षा करे ।