बांधवगढ़ में बाघों की शामत क्यों – दोषी कौन
संजय दुबे – मप्र में इन दिनों बाघों पर संकट के बादल छाए हुए हैं , प्रदेश पार्कों में हो रही घटनाओं ने प्रदेश में बाघों की देखभाल प्रश्न चिन्ह लगा दिया है , नेशनल पार्क बांधवगढ़ के ताला रेंज में दो बाघ शावक मृत पाए गए है …
मध्य प्रदेश में बाघों की देखभाल पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं । प्रदेश नेशनल पार्कों में बाघों पर संकट के बादल छाये हुए हैं । उमरिया जिले के नेशनल पार्क बांधवगढ़ के ताला रेंज में दो बाघ शावक मृत पाए गए । दोपहर 1 बजे हाथी गश्त के दौरान ताला परिक्षेत्र की दक्षिण गोहडी बीट के कक्ष क्रमांक 301 में उमरहा पहाड़ी के ऊपर एक गुफा के समीप 2 नवजात मादा बाघ शावक देखे गए थे । जिनकी आंखें भी नहीं खुली थीं । इनमें से एक मृतप्राय अवस्था में थी और दूसरी शावक आवाज़ कर रहा थी । दोनों शावक गुफा से कुछ दूर पाए गए। तत्काल सूचना पाकर प अ ताला,सहायक संचालक ताला और वन्य जीव पशु चिकित्सक को मौके पर रवाना किया गया एवं सूचना मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक को दी गई । उनके द्वारा वन्य जीव विशेषज्ञों से राय लेकर शावकों पर रात भर नजऱ रखने के निर्देश दिए । दिनांक 10 अक्टूबर को सुबह पुन: स्थल पर जाकर देखने पर दोनों शावक मौके पर मृत पाए गए । मौके पर मादा बाघ के पद चिन्ह भी देखे गए जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि शावकों की मां रात में उनके पास आई थी ।
सुबह दोनों मृत शावकों को बाथन लाया गया और क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम,सहायक संचालक ताला अभिषेक तिवारी, प अ ताला श्रीमती बीनू सिंह और अन्य कर्मचारियों तथा एन टी सी ए के प्रतिनिधि सी एम खरे की उपस्थिति में पार्क के सहायक वन्य जीव शल्य चिकित्सक डॉ नितिन गुप्ता द्वारा निर्धारित एस ओ पी का पालन कर शव विच्छेदन किया जाकर सैंपल लिए गए एवं दाह संस्कार कर शवों को समस्त अवयवों सहित जलाकर नष्ट किया गया ।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हो रहे हादसों के लिए कौन जबाबदार है । क्या पार्क प्रबंधन की लापरवाही है ? आखिर क्यों इस तरह के मामले प्रदेश के पार्कों से सामने आ रहे है ? बाघों की देखभाल में क्या कसर छोड़ी जा रही है ? मध्य प्रदेश को काफी मशक्क्त के बाद टाइगर स्टेट का खिताब मिला है पर जिस तरह के मामले टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने के बाद सामने आ रहे हैं क्या प्रदेश टाइगर स्टेट का खिताब बचा पायेगा ?