आशीष रावत…..मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में नौजवान मतदाता सरकार बनाने में 52 फीसदी की हिस्सेदारी रखेंगे यही कारण है कि अब राजनैतिक पार्टियां युवाओं को लुभाने में लग गईं हैं….

प्रदेश में 5 दिसंबर 2023 को पंद्रहवीं विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इससे पहले विधानसभा चुनाव होना है। इस चुनावी महायज्ञ में 30 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे। इनमें भी 11 लाख 81 हजार 747 वोटर 18 से 19 साल की उम्र के हैं। जबकि 80 साल से ज्यादा की उम्र के वोटर 7 लाख 40 हजार हो गए हैं।विधानसभा चुनाव में नौजवान मतदाता सरकार बनाने में 52 फीसदी की हिस्सेदारी रखेंगे यही कारण है कि अब राजनैतिक पार्टियां युवाओं को लुभाने में लग गईं हैं। 18 से 39 साल युवा मतदाताओं की संख्या 2.83 करोड़ है। जो कुल मतदाताओं की संख्या का करीबन 52 फीसदी है।

प्रदेश में वोटरों की संख्या 5 करोड़ 39 लाख 85 हजार 876 हो गई है। एक महीने चले वोटर लिस्ट अपडेशन में 13 लाख 39 हजार नए मतदाता बढ़े हैं। इनमें महिला वोटर ज्यादा है। पुरुष के मुकाबले महिलाओं के 75 हजार से ज्यादा नाम जुड़े हैं। 18-19 एज ग्रुप में 11 लाख 81 हजार 747 वोटर हो गए हैं, जो आने वाले चुनावों में पहली बार वोट डालेंगे। वहीं, 80 या इससे अधिक उम्र के मतदाताओं का आंकड़ा 7 लाख 40 हजार के पार पहुंच गया है। गुरुवार को प्रदेश के 64 हजार 100 पोलिंग बूथ पर BLO की मौजूदगी में वोटर लिस्ट लगाई गई। प्रदेश में नाम जोड़ने-हटाने या संशोधन की प्रोसेस लगातार चलेगी।

 

मध्यप्रदेश में 9 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच मतदाता संक्षिप्त पुर्नरिक्षण की कार्रवाई की गई। इस दौरान 64 हजार 100 मतदान केंद्रों पर बीएलओ मौजूद रहे। उनकी मदद से फार्म-6 (नाम जोड़ने), फार्म-7 (नाम हटाने) और फार्म-8 (संशोधन) आवेदन लिए गए।
अनुपम राजन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

 

प्रदेश के 41 जिलों में महिलाओं का आंकड़ा ज्यादा…..
प्रदेश के 52 में से 41 जिले ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों के नाम ज्यादा जुड़े हैं। महिला वोटरों का आंकड़ा 7.07 लाख बढ़ा है, जबकि 6.32 लाख पुरुष मतदाता बढ़े हैं। यह आंकड़ा 10 साल में सबसे ज्यादा है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 9 लाख नए वोट जुड़े थे। अच्छी बात ये है कि नए वोटरों में पुरुषों से महिलाएं 75 हजार ज्यादा हैं। मप्र में पहले जो जेंडर रेशो 1000 पर 926 था, वो अब 931 हो गया है। यानी 1000 पुरुषों पर 931 महिलाएं हैं। महिला वोटर की संख्या पुरुषों से ज्यादा होना और जेंडर रेशा बढ़ना, ये दोनों ही पहली बार हुए हैं।