राहुल शर्मा इंदौर ब्यूरो…. इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में अब तक 35 लोगों की जान चली गई
इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में अब तक 35 लोगों की जान चली गई है। 20 से ज्यादा लोगों का अभी इलाज चल रहा है। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। रात 12 से 1.30 बजे के बीच 16 शव और निकाले गए। शुक्रवार सुबह रेस्क्यू दोबारा शुरू किया गया। बावड़ी की दीवारें और स्लैब तोड़ी जा रही है। आर्मी ने भी मोर्चा संभाल रखा है। प्रशासन की भी कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। बावड़ी से काला पानी निकल रहा है, जिससे टीम को परेशानी आ रही है। 53 वर्षीय एक व्यक्ति अभी तक लापता है। गुरुवार को रामनवमी पर यहां पूजा की जा रही थी। 11 बजे हवन शुरू हुआ था। मंदिर परिसर के अंदर बावड़ी की गर्डर फर्शी से बनी छत पर 60 से ज्यादा लोग बैठे थे। दोपहर करीब सवा बारह बजे स्लैब भरभराकर गिर गया। सारे लोग 60 फीट गहरी बावड़ी में जा गिरे। यह मंदिर करीब 60 साल पुराना है।
दिनभर की मशक्कत के बाद जब पुलिस और प्रशासन का बचाव दल थक गया तो रात को सेना की मेहर रेजीमेंट ने मोर्चा संभाला। जिनके परिजन मंदिर गए थे और नहीं लौटे, ऐसी हजारों आंखें टकटकी लगाए अपनों के इंतजार में बैठी थीं। डीसीपी जोन-1 आदित्य मिश्रा ने मृतकों की पहचान के लिए उन परिवारों को दरवाजे पर बैठा दिया था, जिनके परिजन खो गए थे।
एडिशनल डीजीपी अभिनय विश्वकर्मा ने शव ले जाने के लिए स्ट्रेचर और चादर इकट्ठा कर लिए थे। सेना ने पहले बावड़ी में लगे सरिये काटे और रास्ता बनाया। फिर सैन्य अधिकारी अर्जुन सिंह कोंडल ने बचाव दल को क्रेन ट्राली से नीचे उतारा। रात करीब 12.30 बजे जवान चार शव लेकर ऊपर आए। वहां मौजूद लोगों की भीड़ अपनों की तलाशने शवों की ओर दौड़ पड़ी। शव को जब एंबुलेंस में ले जाया गया, तो भीड़ ने वहां भी पीछा किया। रात करीब 12.43 बजे दूसरी ट्राली फिर चार शव लेकर बाहर आई।अब सैन्य अधिकारी अर्जुन सिंह ने ज्यादा शव लाने के लिए तीसरे राउंड में सैनिक कम कर दिए। अबकी बार बचाव दल आठ शव लेकर बाहर आए। इनमें चार पुरुष, दो महिलाएं और दो बच्चे थे। एक साथ आठ शव को ढंकने के लिए चादर और ले जाने के लिए स्ट्रेचर कम पड़ गए। 12 घंटे से पानी में होने से शव पूरी तरह गल चुके थे। बड़े-बड़े अभियान को अंजाम देने वाले जवानों के लिए बच्चों के शव सबसे भारी रहे। उनके हाथ कंपकंपाते दिखे। बच्चों के शव देखकर सेना और बचाव दल सहित वहां मौजूद अन्य लोगों की आंखें भी नम हो गईं।