राहुल शर्मा इंदौर इंदौर को आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में आज बड़ी सौगात मिली है। आयुष विभाग के राज्यमंत्री श्री जालम सिंह पटेल ने अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर में साढ़े 4 करोड़ रूपये की लागत से नवनिर्मित सर्वसुविधायुक्त 50 बिस्तरों के अस्पताल भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-5 के मूसाखेड़ी क्षेत्र में लगभग 9 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले सर्वसुविधायुक्त आयुष अस्पताल भवन निर्माण भूमिपूजन शिलालेख का अनावरण भी किया।इस अवसर पर खरगोन के सांसद श्री सुभाष पटेल, विधायक श्री महेन्द्र हार्डिया, अपर मुख्य सचिव आयुष श्रीमती शिखा दुबे, आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बाबुल ताम्रकार, भोपाल आयुष संचालनालय के डॉ. पी.सी. शर्मा तथा डॉ. राजीव मिश्रा, श्री जगदीश पंचोली सहित अन्य चिकित्सक और चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर मंत्री श्री जालम सिंह पटेल ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति हमारी पुरातन चिकित्सा पद्धति है। इस चिकित्सा पद्धति के विस्तार के लिये पूरे प्रदेश में कारगर प्रयास किये जा रहे हैं। नागरिकों को सस्ती एवं सुलभ स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान से बीमारियां नियंत्रित करने में मदद मिल रही है। जीवन में स्वच्छता को महत्व दिया जाना चाहिये।
विधायक महेन्द्र हार्डिया ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेद का अपना विशेष महत्व है। आयुर्वेद को बढ़ावा देना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मूसाखेड़ी क्षेत्र में 50 बिस्तरों के आयुष अस्पताल बनने से यहाँ के नागरिकों को आयुर्वेद के साथ ही होम्योपेथिक चिकित्सा पद्धति का लाभ भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि नवीन भवन का निर्माण लगभग साढ़े 5 करोड़ रूपये तथा शेष राशि उपकरण तथा आदि सुविधाओं में खर्च की जायेगी।
बताया गया कि अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय में साढ़े 4 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से 100 बिस्तरों का सर्वसुविधायुक्त अस्पताल भवन बनाया गया है। इस भवन में आयुर्वेद पंचकर्म, बाल रोग, प्रसूति, फिजियोथेरेपी, योग, नशामुक्ति आदि सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। यह भवन 51 हजार वर्गफीट पर बनाया गया है।
इसके पश्चात अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय की साधारण सभा की बैठक भी मंत्री श्री जालम सिंह पटेल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती शिखा दुबे ने चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इसके पहले विभागीय चिकित्सा अधिकारियों से चर्चा करते हुये दुबे ने मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों से निपटने के लिये आयुर्वेद की दवाइयाँ भी आम नागरिकों को सुलभता से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।