नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का आज निधन हो गया है । बाबूलाल गौर का 89 साल की उम्र में हृदय गति रुकने से निधन हो गया है । गौर पिछले 14 दिन से अस्पताल में भर्ती थे और वेंटीलेटर सपोर्ट सिस्टम पर थे । जहां आखिरकार बुधवार सुबह करीब 6.45 बजे उनका निधन नर्मदा अस्पताल में हो गया …
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का आज निधन हो गया । गौर का हृदय गति रुकने से स्वर्गवास हुआ है। बुधवार सुबह करीब पौने सात बजे उन्होंने नर्मदा अस्पताल में अंतिम सांस ली । गौर पिछले 14 दिन से अस्पताल में भर्ती थे और वेंटीलेटर सपोर्ट सिस्टम पर थे । बीजेपी के वेटरन लीडर बाबूलाल गौर एक ऐसी अज़ीम शख़्सियत थे जो हर दिल अज़ीज़ थे । गौर अपनी खुशमिजाज़ी और बेबाकी के लिए जाने जाते थे । वो ऐसे नेता थे जो पार्टी लाइन से ऊपर उठकर हर मुद्दे पर अपनी राय बेबाकी से रखते थे । बाबूलाल गौर के नाम भोपाल की गोविंदपुरा सीट से लगातार 10 बार विधायक बनने का रिकॉर्ड है ।
श्री गौर के निधन पर भाजपा प्रदेशाध्यक्छ राकेश सिंह , पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान , नेता प्रतिपकच्छ गोपाल भार्गव ने श्रधांजलि दी। मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ ने बाबूलाल गौर के निधन पर आज आधे दिन का अवकाश ओर 2 दिन का राजकीय शोक घोषित किया ।
बाबू लाल गोर को मप्र के राज्यपाल लाल जी टण्डन छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनसुइया उइके , देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमन करते हुई शोक प्रकट किया । राजनीतिक यात्रा — उनकी राजनीतिक यात्रा बहुत सफल और लंबी रही है. उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के नौगीरी गांव में 2 जून 1930 को उनका जन्म हुआ था। जब वो पैदा हुए तो देश में अंग्रेजों का राज था। प्रतापनगर जिला में पैदा होने होने वाले बाबूलाल गौर का भाजपा के नेता के रूप में मध्यप्रदेश की राजनीति में प्रमुख स्थान रहा है। 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक वे मप्र के मुख्यमंत्री रहे चुके हैं, साथ ही 44 सालों से वो मध्यप्रदेश की एक सीट से विधायक रह चुके हैं। पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में निर्दलीय विधायक चुने गए थे। उन्होंने 1977 में गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और साल 2003 तक वहां से लगातार सात बार विधानसभा चुनाव जीतते रहे।उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के नौगीरी गांव में 2 जून 1930 को उनका जन्म हुआ था। जब वो पैदा हुए तो देश में अंग्रेजों का राज था। प्रतापनगर जिला में पैदा होने होने वाले बाबूलाल गौर का भाजपा के नेता के रूप में मध्यप्रदेश की राजनीति में प्रमुख स्थान रहा है। 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक वे मप्र के मुख्यमंत्री रहे चुके हैं, साथ ही 44 सालों से वो मध्यप्रदेश की एक सीट से विधायक रह चुके हैं। पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में निर्दलीय विधायक चुने गए थे। उन्होंने 1977 में गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और साल 2003 तक वहां से लगातार सात बार विधानसभा चुनाव जीतते रहे।एक बड़ा दिलचस्प वाकया बाबूलाल गौर के साथ 2003 के चुनाव में जुड़ा हुआ था, बताया जाता है। कि उनका टिकट करीब-करीब कट गया था। केंद्रीय चुनाव समिति के अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने जब उनके पिछले रिकार्ड को देखा तो उनके हस्तक्षेप से बाबूलाल गौर को फिर से टिकट मिल गया. इतना ही नहीं इस दौरान बाबूलाल गौर ही मुख्यमंत्री बने. वे 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।