आशीष रावत पिपरिया….देश भक्ति जन सेवा वाली नर्मदांचल की पुलिस पर एक घटना ने सवालिया निशान लगा दिये हैं , एक व्यक्ति के साथ गुंडागर्दी करने वाले लोगो पर समय रहते कार्यवाही अगर पुलिस कर देती तो शायद युवक जिंदा होता …….

नर्मदापुरम के पिपरिया पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह होना भी लाज़मी है । आज से करीब 20 दिन पहले शोभापुर रोड के अहाता संचालक से उस समय दो युवकों ने विवाद किया था । अहाता पर हुए विवाद के बाद अमित राय ने मंगलवारा थाने में दो युवकों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया था । मामला दर्ज होने के कई घण्टो बाद दोपहर से लेकर रात होने तक मंगलवारा पुलिस झगड़े के मालमें में दोनों आरोपियों को उठा नही पाई । जबकि अहाता संचालक ने पुलिस से फोन पर भी बताया कि आरोपी उसे दुकान पर आकर धमका रहे हैं एफ आई आर उठाने का फ़बाब बना रहे हैं । उसके बाबजूद मंगलवारा पुलिस अनजान सी बनी रही । उसी रात जब अहाता संचालक अमित राय अपनी दुकान बंद कर घर जा रहा था तभी रास्ते में उसके ऊपर दस से बारह लोगो ने हमला किया ओर भाग गए । घटना की जानकारी लगते ही गम्भीर रूप से घायल अहाता संचालक अमित राय को पुलिस न आनन फानन में सिविल अस्पताल से जिला चिकित्सालय रिफर करवा दिया । वही घटना के बाद हरकत में आई पुलिस ने दो नामजद लोगो को हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश कर दिया । हैरत की बात तो ये है मंगलवारा पुलिस ने घटना स्थल के सी सी टी व्ही पुटेज तक ध्यान से नही देखे । गम्भीर रूप से घायल अमित ने इलाज के दौरान 20 दिन बाद जब दम तोड़ दिया उसके बाद मृतक अमित राय के परिजनों ने हमले का सी सी टी व्ही पुटेज मीडिया से लेकर सोसल मीडिया में वायरल कर दिया । मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद अब कहीं जाकर मंगलवारा पुलिस ने 10 से 12 लोगो को घटना के 20 दिन बाद हिरासत में लिया है ।
वही अमित राय के परिजन चीख चीख कर हमले में शामिल अन्य आरोपियों का जिक्र पुलिस से करते रहे पर मंगवारा पुलिस ने मामले में दो गिरफ्तारी कर इति श्री कर ली ।

पुलिस की जांच बनी मजाक –
देश भक्ति जन सेवा का नारा देने वाली नर्मदांचल की पुलिस पर इस घटना के बाद कई सवाल खड़े होते है । मृतक के परिजनों ने भी घटना पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि यदि पुलिस चाहती तो समय रहते कार्यवाही कर अमित के साथ हुई मारपीट की घटना को रोक सकती थी । वही सोसल मीडिया में भी कई तरह के पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठने लगे हैं । जिले के आला अधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि मामले को गम्भीरता से लेते हुए मंगलवारा पुलिस की इस मामले में हुई फजीहत के लिए जबाबदार दोषियों पर कार्यवाही करें ।