बैतूल मयखाने में अब शराब नहीं शर्बत पीजिये
अरुण सूर्यवंशी बैतूल ब्यूरो – बैतूल में शराबियों को मयखाने में शराब नहीं शर्बत मिल रहा है , ये कारनाम ब्लू गेंग का है …
बैतूल में शराबियों को अब मयखाने में शराब नहीं शर्बत मिल रहा है । आदतन शराबी शाम होते ही शराब दुकानों मयखानों की तरफ रुख करते हैं पर आज कल बैतूल जिले में शराबियों के मन में अगर कोफ़ है तो वो ब्लू गेंग का है जो शराबियों को शराब की जगशरबत पिला रही है। ये कारनाम इन दिनों काफी चर्चाओं में है। बैतूल जिले में पुलिस के साथ मिलकर ब्लू गेंग ठेकों पर शराब पीने जा रहे शराबियों को शर्बत पिला रही है।आदतन शराब पीने वाले लोगो की शराब छुड़ाने के लिए ब्लू गैंग बैतूल शहर के मांझी नगर और सदर की सरकारी देशी शराब दुकानों पर नींबू के शरबत की कैन लेकर पहुंची। दुकानों के सामने खड़े होकर उन लोगों को शरबत पिलाया जिन्होंने शराब पी ली थी या पीने वाले थे। इसके अलावा जो शराब खरीदकर ले जा रहे थे उन्हें भी शरबत पिलाया है। ब्लू गैंग ने चालीस से पचास लोगों को शरबत पिला कर उन्हें आगे से शराब ना पीने की समझाइश दी और शराब के नुकसान बताए है। कुछ लोगों ने खरीदी शराब को डस्टबिन में तक डाल दिया । बैतूल पुलिस ने पिछले दिनों सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए समाजसेवी महिलाओं और महिला आरक्षकों की एक टीम बनाई है जिसका नाम ब्लू गैंग रखा गया है। ब्लू गैंग का ड्रेस कोड भी ब्लू है। शराब के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान को लेकर ब्लू गैंग का उद्देश्य है कि शराब पीने के बाद आमतौर पर परिवार में कलह होती है और शराब के कारण घटनाएं भी घटती हैं इसलिए लोगों के बीच उन्हें जागरूक करने इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है। इसलिए सबसे पहले इस अभियान की शुरुआत शहर के सरकारी देशी शराब के अड्डों से की गई। देशी शराब के अड्डों को इसलिए चयनित किया गया यहां पर वह लोग शराब पीने आते हैं । जो गरीब तबके के होते हैं और दिन भर मेहनत करके डेढ़ सौ रुपए कमाते हैं और अस्सी रुपये की शराब पी लेते हैं। शराब पीने के बाद घर में विवाद करते हैं ।