अजय कुशवाहा सिराली … डोल पर बैठकर भगवान ने किया ग्राम का भ्रमण बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।सिराली जिनवानिया गांव में डोल ग्यारस का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। विमान में बैठकर भगवान आज नगर भ्रमण पर निकले। शहर के लोगो ने जगह जगह भगवान की आरती पूजन किया। महिलाओ बच्चो ने भगवान के विमान दर्शन कर आशीर्वाद लिया । शहर भर के भ्रमण के बाद बड़े कुआं पर भगवान के डोल का समापन हुआ।
डोल ग्यारस कब मनाया जाता है यह जानिए …
कृष्णा जन्माष्टमी के बाद आने वाली एकादशी को डोल ग्यारस कहते हैं। श्री कृष्ण जन्म के अठारहवें दिन माता यशोदा ने उनका जल पूजन घाट – पूजन किया था। इसी दिन को डोल ग्यारस के रूप में मनाया जाता है। जलवा पूजन के बाद ही संस्कारों की शुरुआत होती है। कहीं कंही इसे सूरज पूजन कहते हैं। तो कहीं दशटोन पूजन कहा जाता है। जलवा पूजन को कुआं पूजन भी कहा जाता है। इस ग्यारस को परिवतिनी एकादशी आदि के नाम से भी जाना जाता है।