विकास पांडे जबलपुर ब्यूरो – शासकीय स्कूलों में शिक्छा का स्तर कितना बढ़िया होगा ये इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्कूलों में बच्चों से टायलेट साफ़ करवाया जाता है न कि उन्हें शिक्छित किया जाता है , हेरत की बात तो ये है कि इन मासूम बच्चों से बगैर किसी सावधानी के गंदगी भरे शौंचालय की सफाई कराई जाती है और विभाग के आला अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं …
जबलपुर की बरगी विधानसभा अंतर्गत छपरा प्राथमिक शाला में एक बार फिर बच्चों के साथ की जा रही लापरवाही की तस्वीरें सामने आई हैं। इस बार बच्चों से शौचालय की सफाई करवाई जा रही थी। कक्षा में पढ़ने की बजाय शिक्षिका के आदेश पर दो बच्चे हाथ से शौचालय साफ करते हुए दिखाई दिए। बच्चों से पूछने पर उन्होंने बताया कि बड़ी मैडम ने उन्हें शौचालय साफ करने के लिए कहा था। बच्चों के साथ किए जा रहे इस व्यवहार के लिए जब जिला परियोजना अधिकारी से पूछा गया तो उनका कहना था कि कई बार बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए इस तरह के कार्य करवाए जाते हैं, लेकिन इसमें शिक्षक भी सफाई करते हैं और आगे रहकर बच्चों को स्वच्छता के संबंध में सिखाते हैं। अब यह बात समझ से परे है कि यदि छपरा प्राथमिक स्कूल में स्वच्छता के प्रति बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था तो शिक्षक और बाकी बच्चे कहां थे उन्होंने सफाई क्यों नहीं की। इसके मानक क्या हैं बच्चों को सुरक्षा के क्या उपकरण दिए जाने चाहिए। इस संबंध में जब डीपीसी से पूछा गया तो उनकी जुबान बंद हो गई ।