रायसेन स्ट्रीट वेंडरों के लोन नहीं करने पर बैंकों के सामने कचरा फेंका

नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – रायसेन के बेगम गंज में स्ट्रीट वेंडर के लोन नहीं देने पर शहर की 4 बैंकों के सामने कचरा फेंकने का मामला सामने आया है , नगरपालिका कर्मियाें ने बैंक के मेन गेट के सामने शहर भर का कचरा फेंक अपना विरोध जताया ,बैंकों के सामने कचरा फेंकने का मामला आज दिन भर शहर में चर्चा का विषय बना रहा …

रायसेन स्टेट वेंडर योजना के तहत गरीबों को दस-दस हजार रुपए के लोन स्वीकृत करने का लक्ष्य एसबीआई शाखा बेगमगंज, सेंट्रल बैंक, सेंट्रल ग्रामीण बैंक और आईसीआईसी बैंक को दिया गया है । आरोप है कि इनके लोन प्रकरण अटकाए जा रहे हैं । जब नगर पालिका के कर्मचारी फॉर्म लेकर जाते हैं , तो वहां पर उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया जाता है । इसी से नाराज सफाई कर्मचारियों ने कचरा ले जाकर बैंकों के सामने पटक दिया था । शहर की चार बैंकों के सामने कचरा फेंकने की घटना से हड़कंप मच गया । जब इस मामले में नगर पालिका के प्रशासक एवं एसडीएम अभिषेक चौरसिया ने बताया कि मामले की जांच करवाते हैं । सीएमओ ही बता पाएंगे कि मामला क्या है जांच उपरांत कार्रवाई की जाएगी । भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक प्रताप सिंह ने बताया कि नगर पालिका परिषद द्वारा पूर्व में 350 प्रकरण का लक्ष्य दिया गया था । जिनमें 333 स्वीकृत कर पथ विक्रेताओं को राशि वितरण कर दी गई थी । पुनः दिसंबर 2020 में 350 प्रकरणों का लक्ष्य दिया गया है । जिसमें से शाखा में केवल 40 आवेदक पहुंचे थे । सभी खानापूर्ति के उपरांत 27 आवेदकों को ऋण वितरण कर दिया गया है । शेष मामलों में प्रक्रिया जारी है ।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक चंद्र प्रकाश वर्मा ने बताया कि पूर्व में उन्हें 200 का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें से उन्होंने 205 स्वीकृत कर वितरण किया गया है। पुनः 27 जनवरी 2021 को एक पत्र के माध्यम से 123 प्रकरण तत्काल स्वीकृत करने के लिए कहां गया है। इसके साथ ही 500 अन्य प्रकरण भी स्वीकृत कराना चाहते हैं, लेकिन आवेदकों के आने के बाद सभी खानापूर्ति के उपरांत ही ऋण वितरण किया जाएगा।
मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक रोहित गर्ग ने बताया कि उन्हें 75 प्रकरण का टारगेट मिला था, जिसमें 28 प्रकरण में ऋण वितरण कर दिया गया है। शेष में कार्रवाई जारी है। मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक संध्याकालीन शाखा प्रबंधक जेयस कुमार असनानी का कहना है कि उनकी शाखा में 35 प्रकरण आए थे। सभी स्वीकृत कर ऋण वितरण किया जा चुका है। जबकि आईसीआई बैंक के प्रभारी शाखा प्रबंधक देवराज सिंह राजपूत ने बताया कि उनकी शाखा में 20 प्रकरण आए थे, जिनमें से एक भी प्रकरण स्वीकृत नहीं किया गया है।