होशंगाबाद स्वास्थ्य विभाग पदोन्नति की डीपीसी पर बड़ा खुलासा
संजय दुबे – जिला स्वास्थ्य विभाग में पदोन्नति में भ्र्ष्टाचार की शिकायत होने के बाद मामला गरमाने लगा है , होशंगाबाद कलेक्टर ने इस मामले में जिला पंचायत सीईओ को जांच अधिकारी बनाया है , विभाग में 2004 में हुई पदोन्नति की डीपीसी फाइल नहीं मिलने से हड़कंप है …
होशंगाबाद स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 2004 विभागीय पदोन्नति संबंधित डीपीसी की मूल फ़ाइल गायब है । विभाग के एक रिटायर्ड कर्मचारी ने विभाग में हुए इस घड़बड़ झाले की पोल खोल दी है । अब इस मामले में कलेक्टर ने एक जाँच समिति गठित की है जिसमे जिला पंचायत सीईओ को जाँच अधिकारी बनाया है । अब तक स्वास्थ्य विभाग जांच अधिकारी को 2004 की पदोन्नति की डीपीसी फाइल उपलब्ध नहीं करवा पाया है ।
क्या है मामला –
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुर्रा में कार्यरत रहकर 2015 में सेवानिवृत्त हुए चतुर्थ श्रेणी भृत्य रमेशचंद्र मालवीय ने शिकायत कर अवगत कराया कि उसके सेवाकाल में विभागीय पदोन्नतियां होती रही परंतु उसे वंचित रखा गया था । अगस्त 2004 में भी डीपीसी द्वारा प्रमोशन पदोन्नति की गई । परंतु उसमें भी आवेदक को पदोन्नत नहीं किया गया। जबकि उसका नाम जिले की वरिष्ठता सूची में नंबर एक पर था। जिसके बाद जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिसका पालन भी नहीं किया गया । रोस्टर का पालन न करते हुए सामान्य श्रेणी के कर्मचारियों को पदोन्नति दे दी गई थी ।
कटघरे में स्वास्त्य विभाग –
2004 में हुई डीपीसी की मूल फ़ाइल गायब है । विभाग के ही कर्मचारी ने जब इस मामले को उठाया तो विभाग 2004 की मूल फ़ाइल देने में असमर्थ साबित हो रहा है । मूल फ़ाइल के न मिलने से जाँच अधिकारी जिला पंचायत सीईओ मनोज सरेआम सहित कलेक्टर नाराज है । सूत्रों की माने तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों पर fir भी दर्ज हो सकती है ।
बड़ा खुलासा –
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हमारे सूत्रों की माने तो 2004 की फ़ाइल को दोषी विभाग के ही लोगों ने उस वक्त जला दिया तब ये मामला हाई कोर्ट पहुंचा था । विभाग से सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि डीपीसी की जिस फ़ाइल को तलाशा जा रहा है अब वो ऑफिस में है ही नहीं । अब विभाग के दोषी अधिकारी और कर्मचारी दूसरी फ़ाइल तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं । सूत्रों ने यहां तक बताया कि हाई कोर्ट से इस मामले में 2004 की विभागीय पदोन्नति को ही निरस्त कर दिया था जिसका आदेश होशंगाबाद में विभाग के पास आया भी था उस वक्त हाईकोर्ट के उस आदेश को ही आवक जावक से गायब कर दिया था । वही स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हमारे सूत्र बताते है कि 2004 में हुई पदोन्नति की डीपीसी में भारी गड़बड़िया की गई थी विभाग के कई लोगो को इसका लाभ दिया गया था । यदि ये मामला उलझता है तो विभाग के कई अधिकारी कर्मचारी इसकी जद में आ जायेंगे ।
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