राहुल शर्मा इंदौर ब्यूरो….. इंदौर की स्वच्छता की डंका अब भारत की सरहदों को पार करके पूरे एशिया महाद्वीप से होते हुए अफ्रीका और यूरोप तक बज रहा है…..
भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के चर्चे दूर-दूर तक हो रहे हैं। इन दिनों 21 देशों के प्रतिनिधि इंदौर में सफाई व्यवस्था प्रणाली का जायजा लेने पहुंचे हैं।इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर है। ये खबर एशिया महाद्वीप से होते हुए अफ्रीका और यूरोप तक पहुंच गई है। सोमवार रात को फ्रांस, उरुग्वे, फिजी, जांबिया, ग्वाटेमाला और होंडुरास जैसे 21 देशों के प्रतिनिधि इंदौर की सफाई प्रणाली को सीखने के लिए पहुंचे हैं।
विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने सुबह 8.30 बजे न्याय नगर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था देखी। इसके बाद उन्होंने स्टार चौराहा पर कचरा ट्रांसफर स्टेशन का निरीक्षण किया। यहां से इस टीम ने ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित बायो सीएनजी प्लांट व सूखे कचरे को अलग करने वाले प्लांट का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने पूरी प्रक्रिया को समझा। अब इस टीम को दोपहर को एआइसीटीएसएल के सिटी बस आफिस में पांच वर्षों में शहर में किए सफाई कार्यों व नवाचार के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया जाएगा।
जनता ने शहर को स्वच्छ बनाने में दिया योगदान…..
कलेक्टर ने दल को बताया कि थैला बैंक, बर्तन बैंक, डिस्पोजल फ्री क्षेत्र, जीरो वेस्ट इवेंट, जीरो वेस्ट शादी, नाला सफाई अभियान, नाला क्रिकेट जैसी गतिविधियों से आम नागरिकों को सफाई के लिए जागरूक किया। इस तरह जनता को स्वच्छता आंदोलन से जोड़ा। शहर के गीले कचरे से जहां बायो सीएनजी गैस बनाई जा रही हैं, वहीं सूखे कचरे से निगम को आमदनी भी हो रही है।
बायो सीएनजी प्लांट देखा, डायरी में नोट किए बिंदू….
गोवा के सांखली म्युनिसिपल काउंसिल के चेयरमैन राजेश वी सावल सहित दल के करीब एक दर्जन सदस्यों ने सोमवार को न्याय नगर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण कार्य, स्टार चौराहा स्थित जीटीएस सेंटर, ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित सूखे कचरे के संग्रहण के प्लांट, 550 टन गीले कचरे से बनाई जा रही बायो सीएनजी प्लांट, सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का अवलोकन किया। वहीं तमिलनाडु के चेन्नई सहित अन्य शहरों से आए प्रशासनिक अधिकारियों के दल ने कबीटखेड़ी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, जीरो वेस्ट वार्ड, सीटी बस आफिस परिसर स्थित कंट्रोल कमांड सेंटर का अवलोकन किया। इस दौरान दल के कुछ सदस्य महत्वपूर्ण बिंदुओं को डायरी में नोट करते देखे गए, ताकि उन्हें वे अपने शहर में जाकर लागू कर सकें।