राजधानी डेक्स न्यूज़कल से विघ्नहर्ता आपके घर आ रहे हैं। विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की स्थापना से पहले राजधानी न्यूज़ की अपील ।  [rev_slider alias=”small_ad”]अपने घरों में मिट्‌टी के गणेश ही स्थापित करेंगे और उनका विसर्जन घर के बगीचे या किसी जल पात्र में ही करेंगे। ताकि हमारे जलस्रोत को पार्यवरणीय नुकसान न हो । गणपति को किसी नदी या तालाब में भी विसर्जित करना चाहते हैं तब भी बिना किसी झिझक के आप इन मूर्तियों का विसर्जन कर सकते हैं। क्योंकि इन में कोई भी हानिकारक तत्व नहीं होता जो कि पानी या पेड़ों के लिए प्रदूषण का कारण बने। हर साल देश भर में गणपति उत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। लोग गणपति की बड़ी-बड़ी मूर्तियां लाते हैं। पंडाल को सजाने के लिए विभिन्न चीज़ों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कभी सोचा है कि यह चीजें प्रकृति को कितना नुकसान पहुंचा सकती हैं। क्योंकि हम सब को मालूम है कि उत्सव में गणपति मूर्ति से लेकर पंडाल तक की चीज़ें किन पदार्थों से बनी होती हैं। प्रकृति के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी समझे और अपने त्यौहारों को पारम्परिक तरीकों से मनाएं। हम ऐसे कदम उठाए जिससे कि हमारी श्रद्धा और आस्था का भी मान रहे और साथ ही, हमारी प्रकृति भी संरक्षित हो । बाज़ारों में भले ही आज इस गणपति उत्सव को मनाने के लिए हज़ारों तरीके उपलब्ध हैं । लेकिन इस त्यौहार को आप आसानी से घर में मौजूद पारम्परिक चीज़ों से भी मना सकते हैं। यह पर्यावरण के लिए हानिकारक भी नहीं है।
घर पर बनायें इको फ्रेंडली गणपति-
– सबसे पहले खास किस्म की शाड़ू मिट्टी खरीदें
– मिट्टी को पानी से गूंथ लें, ध्यान रखें मिट्टी ना ज़्यादा गीली हो और ना सूखी।
– आसन बनाने के लिये प्लेटफॉर्म पर कागज़ रखें ताकि मिट्टी चिपके नहीं।
– अपनी कल्पना के हिसाब से आकार दें।
– डिज़ायन के लिये किसी किताब या इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं
– मिट्टी का एक ढेर लेकर भी उसमें गणपति की आकृति बनाई जा सकती है
– गणपति के हाथ-पैर,सिर को अलग से बनाकर भी जोड़ा जा सकता है।
– मूर्ति तैयार होने के बाद उसे छाये में सूखने दें।
– फिर प्रतिमा में अपनी कल्पना के रंग भरें और बाद में श्रृंगार करें।
इस तरह घर में गणपति को बनाकर उनका पूजन करें। वैसे तो लोग गणपति बप्पा को घर लाने के लिए दो महीने पहले ही मूर्तियों की बुकिंग शुरू कर देते हैं। लेकिन इस बार पर्यावरण का ध्यान रखते हुये बहुत से लोग इको फ्रेंडली मूर्तियों के पूजन पर ज़ोर दे रहे हैं। भोपाल से प्रीति कहती हैं कि ‘जब हम नदी या तालाब में मूर्ति विसर्जन करते हैं तो उसके बाद नदी या तालाब का पानी ज़हरीला हो जाता है। पिपरिया के हर्षित शर्मा कई सालों से इको फ्रेंडली गणेश जी प्रतिमाएं बनाते आ रहे हैं । उनकी मूर्तियों को शहर की जनता काफी पसंद करती है । भगवान की मूर्ति का भी अपमान होता है। इससे बेहतर है कि मिट्टी की मूर्ति का घर में ही विसर्जन कर उसका सम्मान करें।’
पुराणों में महिमा-
गणेश पुराण में भी मिट्टी के गणपति की विशेष महिमा बताई गई है। अगर आप मिट्टी के गणपति घर में स्थापित करके,पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं तो बप्पा आपको न सिर्फ ऋद्धि-सिद्धि देंगे, बल्कि आपकी हर इच्छा भी पूरी करेंगे।

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