आशीष रावत पिपरिया ब्यूरो – पिपरिया का निर्माणाधीन ओवरब्रिज लोगों के लिए मुसीबतों का सबब बन गया है …
पिपरिया शहर का दुर्भाग्य ही कहेंगे शहर के बंटवारे को खत्म करने बनाये जा रहा निर्माणाधीन ओवर ब्रिज पिछले दो सालों से बन ही रहा है । विकास के नाम पर केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें करोड़ो रूपये बर्बाद कर रही है । न कोई प्लानिंग न कोई ले आउट के । मध्य प्रदेश की ए ग्रेड में शुमार प्रदेश की सबसे बड़ी मंडियों में शुमार , प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले शहर पिपरिया में बढ़ते ट्रैफिक के दबाब ओर शहर को बांटने वाली रेलवे लाइन को ध्यान में रखते हुये शहर के दो भागों को जोड़ने वाले रेलवे गेट की जगह दो साल पूर्व शुरू हुये ओवरब्रिज निर्माण को बनाने से पूर्व ही शहर के बुद्धिजीवियों ने शहर के दूसरी जगह से ओवर ब्रिज निर्माण की मांग केन्द्र व् राज्य सरकार के समछ रखी थी । बाबजूद जनता के विरोध के सरकार ने ओवरब्रिज निर्माण की जगह का चयन वो ही रखा। दो सालों से करोड़ो की लागत से बन रहा ओवरब्रिज अब आम जनता के लिये मुसीबत का सबब बनते जा रहा है । निर्माणाधीन ओवरब्रिज का कार्य बंद होने से पिपरिया के लोग गड्डे कीचड़ से परेशान हे , गोोरतलब है कि मधयप्रदेश के एक मात्र हिलस्टेशन के जाने का मुख्य मार्ग इसी ओवर ब्रिज सेे होकर गुजरता है । रात्रि में लोगो को वाहन निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हे। कुछ दोपहिया वाहन चालक कीचड़ में वाहन के साथ गिरकर घायल हो चुके हैं। आये दिन लोगो को कीचड़ और गड्डो का सामना करना पड़ रहा है । हजारो लोगो को इन गड्डे नुमा कीचड़ से भरे रस्ते से आवागमान करने को मजबूर होना पड़ रहा है। हैरत की बात तो ये है कि जो जनप्रतिनिधि विधान सभा चुनावों के समय जनता से बड़े बड़े वादे करते नजर आते थे वो आज खामोश हैं । निर्माणाधीन ओवरब्रिज पिपरिया की जनता के लिए मुसीबत बन गया हे । ऐसा नहीं है कि इस कीचड़ भरे रास्ते से जनप्रतिनिधि नहीं गुजरते बस फर्क इतना है कि माननीय लाखो की महंगी कांच बंद चमचमाती गाड़ियों से गुजरते हैं बस मुसीबत तो आम जनता की है ।