नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो -कमलनाथ मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर, बगैर लाइसेंस साहूकारी करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है । इसके साथ ही राज्य सरकार ने मदरसों में पढ़ने वालों बच्चों को मिड-डे मील देने का फैसला किया। वहीं, ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को अब 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली देने का निर्णय भी कैबिनेट बैठक में लिया गया ….  
भोपाल कमलनाथ कैबिनट की बैठक में बिजली बिल योजना को मंजूरी दी गई है । अब 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली मिल सकेगी। इस बिल योजना में गरीबी रेखा की पात्रता खत्म होगी । 150 यूनिट वाले हर उपभोक्ता को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली मिलेगी। इसके ऊपर की 50 यूनिट पर बिजली बिल की सामान्य दर होगी लागू होगी ।
आदिवासियों का कर्ज माफ – प्रदेश सरकार ने 37 सालों बाद अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 में नई धारा जोड़ते हुए ये फैसला किया । बिना लाइसेंसधारी साहूकारों द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के लोगों को दिया गया कर्ज शून्य होगा और साहूकार इस कर्ज की वसूली नहीं कर पाएंगे । यदि वे वसूली के लिए जोर-जबरदस्ती या दबाव बनाएंगे तो उन पर पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत 3 साल की सजा और एक लाख रुपए तक जुर्माना लगेगा। इसके साथ ही, लाइसेंसधारी साहूकार अपनी मर्जी से ब्याज दर तय नहीं कर सकेंगे। ब्याज दर तय करने का अधिकार सरकार के हाथ में होगा।              सरकारी नौकरियों में आयु सीमा बढ़ाई – सामान्य प्रशासन विभाग सरकारी नौकरियों में अधिकतम आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 40 साल करने का फैसला किया गया। ये फैसला सीधी भर्तियों और एमपीपीएससी की भर्तियों में लागू होगा। इसके अलावा तिलहन संघ के कर्मचारियों के संविलियन की अवधि को 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी।                                         शुद्ध के लिए युद्ध – मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में मिलावट खोरी को रोकने के लिए नया नारा ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ दिया है। प्रदेश में मिलावट खोरी के खिलाफ चल रही कार्रवाई को दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों के आगे खान-पान और मसालों-दालों में मिलावट खोरी को भी रोका जाएगा। प्रदेश में मिलावट खोरी करने वालों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई भी गई है।              मदरसों में मिड-डे मील योजना –
सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी मिड-डे मील देने का फैसला किया। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव दिया था। अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इसकी व्यवस्था करेगा।