नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – मप्र में अब कोरोना से निपटने के लिए प्रदेश सरकार के मंत्री अपने वेतन का तीस फीसदी मुख्य मंत्री राहत कोष में देंगे …
भोपाल मध्य प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहा हैं । मुख्य मंत्री शिवराज सिंह ने आज चिरायु अस्पताल से कहा कि में अपनी तन्खा का टीश प्रतिशत मुख्य मंत्री सहायता कोष में दे। प्रदेश के सांसदों और मंत्रियों विधायकों से भी अपील करता हूँ कि वो भी कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज़ के लिए मुख्य मंत्री सहायता कोष में अपने वेतन का कुछ हिस्सा दें। सीएम के आह्वान करने के बाद मप्र के कई मत्रियों ने मुख्य मंत्री सहायता कोष में राशि देने की बात कही। जिसमे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री ऐदल सिंह कंषाना ने कोरोना संक्रमण के समुचित प्रबंधन के लिये अपने वेतन-भत्तों की 30 प्रतिशत राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिये जाने की सहमति दी है । साथ ही सहकारिता मंत्री डॉ भदौरिया ने भी अपनी स्वीकृति दे दी । इस राशि का उपयोग प्रदेश में कोरोना संकट के लिए किया जाएगा. इनमें बेड, पीपीई किट, वेंटिलेटर और अस्पताल से जुड़े सामान को खरीदा जाएगा ।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं तथा कोरोना मरीजों को नि:शुल्क एवं सर्वोत्तम इलाज की व्यवस्था की गई है। इसके चलते हमने कोरोना पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया है, और हम शीघ्र ही कोरोना को पूर्ण रूप से परास्त कर देंगे। परंतु इस कार्य में राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा व्यय हुआ है तथा आगे भी राशि की जरूरत होगी। हम सबका दायित्व है कि हम शासन के अनावश्यक खर्चों में कटौती करें वहीं व्यक्तिगत रूप से जो भी सहायता कर सकें करें। ”मैंने निर्णय लिया है कि मैं मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के दिनांक से आगामी 30 सितंबर तक अपने वेतन एवं भत्तों की 30 प्रतिशत राशि कोरोना कार्य के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराऊंगा। अभी तक मेरे द्वारा पहले 3 महीनों की राशि एक लाख 40 हजार रूपये जमा करा दी गई है। मेरे मंत्रिमंडल के साथी भी यह कार्य कर सकते हैं। हमें अब जनता के सक्रिय सहयोग से कोरोना को पूर्ण रूप से परास्त करना है। इसके लिए मध्यप्रदेश में आगामी 1 अगस्त से ”संकल्प की चेन जोड़ो, संक्रमण की चेन तोड़ो” अभियान चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कोरोना संकट को चुनौती में बदलना है तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को सबसे पहले मध्य प्रदेश में मूर्त रूप देना है। इसके लिए रोड मैप बनाने की हमारे सभी विभागों ने तेज गति से तैयारी शुरू कर दी है। आगामी 15 अगस्त को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप प्रदेश की जनता के सामने प्रस्तुत किया जाएगा ।