राधा कृष्ण मंदिर में कुरान पुराण ग्रंथों की होती है पूजा
राहुल शर्मा इंदौर ब्यूरो – आपने देश में भर कई मंदिर देखे होंगे जहां मूर्ति की पूजा होती है , पर क्या आपको पता है एक ऐसा भी मंदिर है जो कहने को तो राधा कृष्ण का मंदिर है पर इस मंदिर में राधा कृष्ण नहीं विराजे हैं , बल्कि गंथों के साथ कुरान पुराण की पूजा होती है , तो आज लेकर चलते हैं एक ऐसे मंदिर में जहां राधा कृष्ण की नहीं कुरान पुराण की पूजा होती है , इंदौर शहर के गोराकुंड चौराहा पर 100 साल पुराना प्रणामी संप्रदाय का राधा-कृष्ण मंदिर स्थित है, यह मंदिर अन्य मंदिरों से अलग इसलिए है क्योंकि यहां पर राधा-कृष्ण की कोई मूर्ति ही नहीं है ….
इंदौर शहर में एक ऐसा मंदिर है जो लोकप्रिय तो श्री राधा-कृष्ण मंदिर के नाम से है परंतु उसके अंदर कुरान और पुराण विराजित हैं । बताया जाता है कि 1920 में इस मंदिर का निर्माण कराया गया था । इस मंदिर का संचालन सेठ बखतराम बच्चाराम भंडारी प्राणनाथ संस्था द्वारा किया जा रहा है । यहां रोज दिन में 5 बार पूजा होती है और प्रसाद में पान का उपयोग किया जाता है । यहां जिन ग्रंथों की पूजा होती है उनमें एक श्रीमद्भागवत गीता और दूसरा तारतम वाणी शामिल है। मंदिर से जुड़े लोगो केअनुसार तारतम वाणी में वेद, पुराण, श्रीमद् भागवत और कुरान आदि का सार समाहित है । मंदिर में विराजित ग्रंथ कुरान और पुराण दोनों को समान बताते हैं । इन ग्रंथों को राधा-कृष्ण का स्वरूप देकर चांदी के सिंहासन पर विराजित किया गया है। इन ग्रंथों को इस तरह से विराजित किया गया है कि पहली नजर में यह पता ही नहीं चलता है कि यहां भगवान की मूर्तियां नहीं है बल्कि ग्रंथ है ।