टी जैन रायपुर ब्यूरो –  रायपुर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी आंबेडकर अस्पताल में मंगलवार को जन्में चार प्रीमेच्योर बच्चों में से तीन की गुरुवार को मौत हो गई । इनमें से बचे एक बच्चे की हालात गंभीर बताई जा रही है । कचना के ईश्वर साहू की पत्नी के गर्भवती होने के दो महीने के भीतर ही उसे पता चला गया कि दो से ज्यादा बच्चे हैं। दो-तीन बार सोनोग्राफी कराने के बाद तो स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो गई । डाक्टरों ने उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए थे । हर महीने और कई बार महीने में दो-दो बार युवती की सोनोग्राफी जांच करवायी गई। इसके बावजूद उसे तकलीफ रहती थी । सात महीने गुजरने के बाद डाक्टरों ने महिला की स्थिति देखते हुए उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया गया । उसके बाद डाक्टरों ने प्री मैच्योर यानी समय से पहले डिलीवरी करवाने का फैसला किया। मंगलवार की रात विशेषज्ञ डाक्टरों की मौजूदगी में उसकी सर्जरी की गई । चार बच्चों के जन्म के बाद युवती को आईसीसीयू में रखा गया लेकिन बच्चों को नर्सरी में शिफ्ट करना पड़ा। रोग विभाग के डॉक्टर्स की टीम इन पर लगातार नजर रखे हुए थी। पल-पल रिपोर्टिंग की जा रही थी। लेकिन इनमें से तीन बच्चों की गुरुवार को मौत हो गई । एक अभी भी आईसीयू में है । उसकी हालत भी गंभीर बनी हुई है ।
अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक इश्वरी साहू को डॉक्टर्स ने पूर्व में ही बता दिया था कि पेट में एक नहीं बल्कि 4 बच्चे हैं । सोनोग्राफी में डॉक्टर्स ने स्थिति स्पष्ट कर दी थी। महिला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर्स ने तय किया कि समय के पूर्व (सात माह) ही डिलीवरी करवानी होगी। नहीं करवाने पर मां को खतरा हो सकता है ।
अस्पताल पीआरओ शुभ्रा सिंह ने बताया बच्चों को बचाने का डॉक्टर्स ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन उनके जन्म के वक्त ही वजन कम था और वे पूरी तरह से विकसित नहीं हो सके थे। फिलहाल महिला की हालात स्थिर है, बता दें कि उसने दो लड़के और दो लड़कियों को जन्म दिया था ।