जी हां आपको सुनकर हैरानी होगी कि दिवाली पर हम हमारे परिवार के साथ खुशियां मनाते हैं पर हम खुशियों मनाने श्मशान नहीं जाते पर एक शहर है जंहा श्मशान में दिवाली मनाने पूरा शहर पहुंचता है । रतलाम के शमशान मे दीपावली के एक दिन पूर्व शमशान का माहोल कुछ और ही होता है यहा चारो तरफ दिए जलते है आतिशबाजी होती है लोग एक दूसरे को बधाइयां देते नजर आते हैं …
बच्चे बुडे जवान , महिलाए सभी यह दीपावली की खुशिया मनाते है देखने मे शमशान का यह माहौल अजीब जरूर लगता है लेकिन रतलाम मे दीवाली के एक दिन पूर्व सालो से इसी तरह दीवाली का माहौल होता है । प्रेरणा सामाजिक संस्था पिछले कई सालो से शमशान मे दीपावली मना रही है शुरू शुरू में लगो कतराते थे आज पूरा शहर श्मशान में दिवाली मनाने जाते हैं ।
शमशान मे दीपावली मनाने का उद्देश्य बताते हुए संस्था के सदस्योक कहना है कि हर जगह सभी के साथ हर कोई खुशिया मानता है लेकिन शमशान मे हमारे पूर्वजो के साथ जो हमसे दूर चले गये है उनके साथ दीपावली की खुशिया बाटने के लिए हम लोग यह आयोजन करते है ।
आज का दिन यम चौदस का भी महत्व है और आज के दिन पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए शमशान मे दीप जलाते है । जिससे हमारे अपने जो आज इस दुनिया मे नही है लेकिन उनकी आतमा की शांति और उनके साथ अपनी खुशिया बाटने के लिए हम यह दीवाली का आयोजन शमशान मे करते है ।