आशीष रावत…..नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में शहर में बने अधिकांश शॉपिंग मॉल और बहुमंजिला व्यावसायिक इमारतों में आग से निपटने के इंतजाम नहीं हैं। पार्किंग के बिना बना दी बहुमंजिला इमारत और शॉपिंग मॉल । बहुमंजिला इमारतों के बीच बने बाजार, मॉल और प्रमुख स्थानों के आसपास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। शहर में बहुमंजिला व्यावसायिक इमारत हो या रिहायसी मकान किसी भी निर्माण कार्य में नियमों का पालन नहीं हो रहा। आलम यह है कि चौक चौराहे पर खड़ी होने वाली नई इमारतों में भी वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। नक्शा के विपरीत हो रहे निर्माण कार्य से एक ओर जँहा शहर की सूरत बिगड़ रही हैं। वहीं इन इमारतों का व्यावसायिक उपयोग होने पर वाहन सड़क में पार्क होने से शहर की यातायात बिगडऩा तय है। इन बहुमंजिला व्यावसायिक इमारतों और शॉपिंग मॉल में आग से निपटने का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जब इन इमारतों का निर्माण हुआ था उस समय इन्होंने फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया या नहीं । नियमों के अनुसार इस प्रमाण पत्र को हर दो साल में रिन्यु करवाना होता है।
भूतल में पार्किंग अनिवार्य…..
भवन निगम के नियमों के तहत कामर्सियल बिल्डिंग के भूतल अथवा सामने पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह छोडऩा अनिवार्य हैं। बिना पार्किंग की जगह छोड़े कोई भी व्यक्ति भवन का निर्माण नहीं कर सकता। लेकिन वर्तमान में शहर में एक दो नहीं एक दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारते निर्माणाधीन है। इनमें से 90 फीसदी निर्माणाधीन इमारतों में पाकिंग के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई। स्वीकृत नक्शा के विपरीत बन रहीं इन इमारतों की निगरानी की जिम्मेदारी नगर पालिका के तकनीकी अमले की है। लेकिन आज तक किसी भी अवैध निर्माण पर न तो रोक लगाई गई और न ही किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई की गई।
फायर फाइटिंग सिस्टम की अनदेखी….
बढ़ती आबादी के साथ जहां मॉल्स व बहुमंजिला व्यावसायिक इमारतें बढ़ी हैं तो यहां पर लोगों का आने-जाने से भीड़ भी खूब रहती है। ऐसे में आग लगने की आशंका ज्यादा हो जाती है। लेकिन यहां पर अनदेखी इतनी अधिक है कि फायर फाइटिंग सिस्टम तक नहीं है। कहीं सिस्टम है तो काम नहीं करता है। इसमें भी कोताही साफ तौर पर देखी जा सकती है।
इमारत निर्माण में नियमों की अनदेखी….
बहुमंजिला व्यावसायिक इमारतों में नगर परिषद से ली गई अनुमति के अलावा भी कई तरह के निर्माण करवा दिए जाते हैं। जो नियमों के विपरीत तो होते ही हैं, ये आग लगने या ऐसे ही किसी हादसे में बचाव में भी बाधा बन जाते हैं। लेकिन जिम्मेदार इनसे बेखबर ही हैं।
इमारतों की ऊंचाई बढ़ी, दमकलें वही पुरानी….
बहुमंजिला व्यावसायिक इमारतों में आग लगने पर उस पर काबू पाना दमकलों के बस की बात नहीं है। इमारतें आसमान से बातें करती नजर आती हैं तो दमकल की ऊंचाई उसके मुकाबले कुछ ही नहीं हैं। ऐसे में ऊपर की मंजिल में आग लगने की स्थिति में दमकल भी बेबस हो जाती है। शहर में बहुमंजिला इमारतें बढ़ती जा रही है, लेकिन आग बुझाने के संसाधन अभी भी सालों पुराने हैं।