आशीष रावत…..शिवराज सरकार भले ही कहती है कि रेत का अवैध उत्खनन नहीं होना चाहिए ओर इसके लिए दिशा निर्देश भी जारी किए जाते है,लेकिन ऐसे आदेश नर्मदापुरम जिले में सिर्फ कागजी साबित होते हैं…..
अवैध उत्खनन एक ऐसा व्यापार बन गया है जिसे रोकने की चाहत होने के बाद भी नहीं रोका जा रहा है। नर्मदापुरम जिले की बात करें तो यहां रेत का खुलेआम अवैध उत्खनन हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में किसी भी तरह के माफिया को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने रेत सहित अन्य सभी तरह के माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए है। कि पूरे प्रदेश में चाहे वह रेत का मामला हो या अन्य किसी भी तरह के माफिया को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसे प्रकरण संज्ञान में आने पर उनके विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। मगर लंबे समय से नर्मदापुरम जिले के पिपरिया क्षेत्र की नदीयों में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर खनिज विभाग आंख मूंदे बैठी है। नर्मदा नदी और पिपरिया की अन्य नदियों से रेत के अवैध उत्खनन जोरो से चल रहा है। जिसे रोकने के लिए ग्रामवासियों के ओर से कई बार प्रशासन से आवेदन निवेदन भी किया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी और रेत खनन माफियाओं की सांठ-गांठ से रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉली से रेत का उत्खनन व परिवहन किया जा रहा है।नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में रेत चोर रात के अंधेरे में तो उत्खनन करते ही है पर अब दिन दहाड़े भी नर्मदा और अन्य नदियों से रेत का उत्खनन कर ट्रेक्टर ट्राली से परिवहन किया जा रहा है। इसके बाद रेत माफिया महंगे दामों पर रेत बेचते है। अवैध उत्खनन करने से शासन को राजस्व की भी हानि होती है। परन्तु इन सब के बाद भी अवैध उत्खनन पर नर्मदापुरम जिले में प्रशासन अंकुश नहीं लगा पा रहा है।