इंदौर में दस साल की मासूम की हत्या 12 साल के बच्चे ने की
राहुल शर्मा इंदौर ब्यूरो – इंदौर में एक अजीबोगरीब केस सामने आया है , एक दस साल की बच्ची से एक बारह साल के बच्चे ने बदला लेने के लिए सिर कुचलकर हत्या कर दी वो भी अपने पालतू चूहे को मारने का बदला लेने के लिए …
इंदौर के लसूड़िया क्षेत्र में आईडीए मल्टी के पास रहने वाली एक 10 साल की बच्ची की पत्थरों से सिर कुचली लाश मिलने के दो घंटे बाद पुलिस ने हत्या का खुलासा कर दिया। हत्या किसी और ने नहीं यहीं किराए से रहने वाले 12 साल के बच्चे ने की है। लड़की ने उसके सफेद पालतू चूहे को मार दिया था। इसी को लेकर बच्चा गुस्से में था और उससे बदला लेने की फिराक में था। सोमवार दोपहर मौका मिलते ही वह बच्ची को लेकर सूनी जगह में गया और उस पर पत्थर दे मारा। पकड़ में आने के बाद उसने पुलिस से कहा कि मैंने अपने चूहे की मौत का बदला ले लिया।मृत बच्ची के पिता के अनुसार, “हम पहले स्कीम नंबर 78 में रहते थे। पिछले साल ही यहां पर रहने आए हैं। मेरी 10 साल की बेटी घर से बाहर कम ही निकलती थी। आज दोपहर 12 बजे वह नहाकर बाहर निकली। घर के साइड में ही एक प्लाट खाली पड़ा है, जिसमें फूल लगा रखे हैं। वह फूल तोड़ने प्लॉट की ओर गई थी। मैं गाड़ी ठीक करवाने गया था । काफी देर तक बच्ची घर पर नहीं दिखी तो घर वालों ने कॉल कर मुझे बताया। मैं घर पहुंचा और आसपास तलाशा लेकिन वह कहीं नहीं थी। घर के पीछे रहने वालों ने मुझे बताया कि 15-16 साल के दो किशोर बच्ची के साथ मारपीट करते हुए उसे लेकर जा रहे थे। इसके बाद हमें घर से करीब आधा किमी दूर तालाबनुमा खाली मैदान में बेटी की सिर कुचली लाश पड़ी मिली। मेरा किसी से कोई विवाद नहीं है।
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि बदले के लिए ही 12 साल के बच्चे ने घटना को अंजाम दिया है। परिजन और चश्मदीदों से मिले सुराग के बाद पुलिस बच्चे तक पहुंची। बता दें कि डीआईजी मिश्र लगातार बड़े मामलों में खुद पहुंच रहे हैं। सोमवार को भी वे घटनास्थल पर पहुंचे और दो घंटे बाद ही मामले का खुलासा हो गया।
मनोचिकित्सक बोले: पहली बार ऐसा केस देखा
मेंटल हॉस्पिटल के सुप्रीटेंडेंट और मनोचिकित्सक रामगुलाम राजदान ने बताया कि यह जो केस सामने आया है यह बहुत ही रेयर है। मैंने अपनी लाइफ में कई क्राइम केस देखे, लेकिन ऐसा केस पहली बार देख रहा हूं। बच्चों से जुड़े क्राइम भी सामने आते हैं, लेकिन उनमें एक नहीं कई बच्चे शामिल होते हैं। क्योंकि बच्चे की उम्र काफी कम है। उसे जितना मच्योर होना चाहिए संभवत: वह नहीं था। प्रारंभिक केस को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि बच्चे में या तो मानसिक विकृति रही होगी या फिर वह पढ़ने में अच्छा नहीं रहा होगा। जिस कारण उसे डांट पड़ती हो। हो सकता है परिजन की ना बनती हो। इन्हीं बस बातों से बच्चा विकृति आ गई हो। इन्हीं बातों से बच्चा विकृत हो गया हो और उसने अपने पालतू चूहे का बदला ले लिया।