रक्षाबंधन पर ये हैं शुभ मुहूर्त
संजय दुबे – कोरोना की वजह से इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार भी प्रभावित होगा , इस साल रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार 3 अगस्त को मनाया जायेगा , इस दिन के क्या हैं मुहूर्त आइये आपको बताते हैं साथ ही जानिए क्या होता है श्रावणी उपाकर्म …
3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है. राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा. दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है. इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9.30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है.
जानें रक्षाबंधन पर ब्राह्मण क्यों करते हैं श्रावणी उपाकर्म, महत्व व पूजा-विधि
श्रावणी उपाकर्म वैदिक ब्राह्मणों को वर्ष भर में आत्मशुद्धि का अवसर प्रदान करता है। वैदिक परंपरा अनुसार वेदपाठी ब्राह्मणों के लिए श्रावण मास की पूर्णिमा सबसे बड़ा त्योहार है।
जानिए क्या है श्रावणी उपाकर्म –
सबसे पहले तो आप ये जान लें कि श्रावणी उपाकर्म के तीन पक्ष है- प्रायश्चित संकल्प, संस्कार और स्वाध्याय। सर्वप्रथम होता है- प्रायश्चित रूप में हेमाद्रि स्नान संकल्प। गुरु के सान्निध्य में ब्रह्मचारी गाय के दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र तथा पवित्र कुशा से स्नानकर वर्षभर में जाने-अनजाने में हुए पापकर्मों का प्रायश्चित कर जीवन को सकारात्मकता से भरते हैं।
स्नान के बाद ऋषिपूजन, सूर्योपस्थान एवं यज्ञोपवीत पूजन तथा नवीन यज्ञोपवीत धारण करते हैं। यज्ञोपवीत या जनेऊ आत्म संयम का संस्कार है।
आज के दिन जिनका यज्ञोपवित संस्कार हो चुका होता है, वह पुराना यज्ञोपवित उतारकर नया धारण करते हैं और पुराने यज्ञोपवित का पूजन भी करते हैं रक्षाबन्धन अर्थात् भाई की कलाई में राखी बांधने का मुहूर्त- सर्वार्थ योग में प्रातः 6 बजे से दिन में 4:23 बजे तक है।
इस वर्ष श्रवण नक्षत्र में पूर्णिमा होने से सौभाग्य योग एवं बालव करण का पंचांग योग बन रहा है, जो गुरु की प्रधानता घोषित करता है। कुल मिलाकर तिथि, वार, नक्षत्र, करण एवं योग इन पांचों का समागम होना अति शुभ योग बना रहा है। पं.योगेश द्विवेदी श्री साधना ज्योतिष केन्द्र उज्जैन