संजय दुबे – नर्मदापुरम में भाजपा की गुटबाजी विधान सभा चुनावों के पहले दिखने लगी है , संगठन में हासिए पर पहुंचे नेताओ का गुट अब खुलकर सामने आने लगा है , एक नही दो नही कई पूर्व पदाधिकारी एक मंच पर आकर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बदलने की मांग करने लगे हैं , वही वर्तमान विधायक गुट मुख्य मंत्री के सफल कार्यक्रम से अपनी जीत पक्की मान रहे हैं ….
नर्मदापुरम जिले को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है । हिंदुओ की आस्था नर्मदा नदी के किनारे बसे इस जिले में चार विधान सभा आती हैं । वर्तमान में चारो सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है । विधान सभा चुनावों के पूर्व अब संगठन में हासिये पर पहुंचे वो कार्यकर्ता पदाधिकारी जो जन संघ के जमाने से पार्टी को मजबूत कर शिखर तक लाए वो अब सक्रिय हो गए हैं । संगठन में बगावत के सुर मजबूत होने लगे हैं ।
नर्मदापुरम की पिपरिया विधान सभा आरक्षण के बाद से भारतीय जनता पार्टी की गोद में है । पिपरिया विधान सभा से लगातार तीन बार भारी बहुमत से जीतने वाले विधायक ठाकुरदास नागवंशी का अब विरोध देखने को मिलने लगा है । पार्टी में अब प्रत्याशी बदलने की मांग जोर पकड़ने लगी है । जन संघ के जमाने से आज शिखर तक लाने वाले भाजपा के ऐसे कार्यकर्ता जो आज हासीये पर हैं वो एक सुर में विधायक प्रत्याशी बदलने की मांग करने लगे हैं । भाजपा के दो पूर्व जिला अध्यक्ष पूर्व विधायक पूर्व मंडी अध्यक्ष पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब खुलकर सामने आने लगे हैं । पिपरिया से विधायक रहे पूर्व जिला अध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल , पूर्व जिला अध्यक्ष संपत मुंदड़ा , पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष योजनगंधा जूदेव , पूर्व मंडी अध्यक्ष दिनेश पटेल , पूर्व मंडी अध्यक्ष अरुणा जोशी , पूर्व जिला उपाध्यक्ष नारायण गंगेले , संघ से जुड़े अशोक जोशी , वरिष्ठ भाजपा नेता बलराम सिंह बेस सहित सैंकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओ ने कल पचमड़ी रोड के एक ढाबा में बैठक कर पार्टी प्रत्याशी बदलवाने पर एक राय से सहमति बनाई ।
ढाबा में एकत्र हुए पार्टी के इन कद्दावर नेताओं ने एक राय से आला कमान के सामने छेत्र में प्रत्याशी बदलने की बात रखने का मन बना लिया है । इनके अनुसार वर्तमान विधायक पार्टी के मूल सिद्धांत विचारधारा से हट गए है जिसकी वजह से आम जनता में विरोध है । विधायक के विरोध के चलते इस बार विधान सभा चुनाव में जीत मिलना मुश्किल है अगर प्रत्याशी नही बदला जाता । ढाबा में चली बैठक में मौजूद नेताओ के अनुसार वो संगठन में अपनी बात रखेंगे इनके अनुसार पार्टी कोई और प्रत्याशी को टिकिट दे पर वर्तमान विधायक के चेहरे पर जीत मिलना मुश्किल है । विधान सभा की जनता में वर्तमान विधायक का विरोध है इसलिए प्रत्याशी बदलना होगा । वही विधायक गुट हाल ही में बनखेड़ी की सी एम की सभा से विधान सभा चुनाव में जीत पक्की मानकर उत्साहित है ।
किसने क्या कहा –
छेत्र में विधायक और उनके सहयोगियों के द्वारा पार्टी लाइन से हटकर जो कार्य किए जा रहे है इससे आम जन मानस में विरोध है हम पार्टी आलाकमान से मिलकर प्रत्याशी बदलने की मांग करेंगे ।
अशोक जोशी वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता
पार्टी को दोबारा जिताने के लिए प्रत्याशी बदलना ही होगा । हम अपनी बात हाई कमान तक पहुंचाएंगे ।
हरिशंकर जायसवाल पूर्व विधायक पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा नर्मदापुरम
तीन बार जीतने के बाद वर्तमान विधायक पार्टी की मूल विचारधारा से हटकर कार्य कर रहे हैं । जिसकी वजह से छेत्र की जनता में आक्रोश हैं । जनसंघ के समय से पार्टी को मजबूत कर रहे पार्टी को जिताने वाले आज एक जुट होकर पार्टी फोरम पर मांग करते हैं कि तीन बार के विधायक का आम जनता में विरोध है । हम किसी और को टिकिट दिलाने के लिए खड़े नही हुए हम बस इतना चाहते है क़ि वर्तमान विधायक के खिलाफ छेत्र में एंटी इंकम्बेंशी है इसलिए इनकी जगह किसी और को पार्टी प्रत्याशी बनाए । दिनेश पटेल पूर्व मंडी अध्यक्ष
पार्टी को जीत दिलाने हम कड़ी मेहनत करेंगे पर अगर प्रत्याशी नही बदलता तो जीत मिलना मुश्किल हैं । महेंद्र सिंह जूदेव वरिष्ठ भाजपा नेता
पार्टी केसे मजबूत हो संगठन के इस बार विधान सभा चुनावों में और मजबूती से पार्टी हित में कार्य करे और प्रत्याशी को लेकर आज बैठक में विचार मंथन हुआ है । इस बार और ज्यादा मतों से जीत केसे मिले इसकी रूपरेखा बना रहे हैं । बलराम सिंह बेस वरिष्ठ भाजपा नेता
वही इस मामले में हमने वर्तमान जिला अध्यक्ष माधव दास अग्रवाल से भी संपर्क किया पर उनके द्वारा बताया गया कि वो किसी मीटिंग में है बाद में बात करेंगे । कुछ घंटो बाद दोबारा फोन लगाने पर जिला अध्यक्ष ने फोन तक नही उठाया ।
इस मामले में छेत्र के विधायक ठाकुर दास नागवंशी से बात करने पर उनका कहना है कि इस मीटिंग के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है । वो इस मामले में कुछ भी नहीं कहेंगे ।
ठाकुर दास नागवंशी विधायक पिपरिया
बरहाल विधान सभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी आला कमान को इन विरोधियों को साधना पड़ेगा । जिससे चुनाव में नुक्सान न हो ।