मप्र बजट में क्या है ख़ास

नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – मप्र का सरकार का पेपरलेस बजट आज विधानसभा में पेश कर दिया गया है, इस बजट में महंगाई से राहत नहीं मिली है , ना पेट्रोल पर टैक्स घटाया, ना रसोई गैस में राहत दी गई ….

मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आज विधानसभा में 2 लाख 41 हजार 375 करोड़ का बजट पेश किया । इस बजट में राज्य सरकार ने आगामी 1 वर्ष में प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद को 10 ट्रिलियन रुपए तक पहुंचाने का सपना संजोया है । हालांकि वित्त मंत्री ने 50 हजार 938 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा बताया है । बजट में आम लोगों को किसी तरह भी कर में राहत नहीं दी गई है । हालांकि कोई नया कर भी नहीं लगाया गया है और न ही किसी कर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया है । पेट्रोलियम उत्पादों पर बेहिसाब टैक्स के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में थोड़ा सा भी उछाल आने पर कीमतों में भारी वृद्धि हो जाती है। हालात यह है कि मप्र पेट्रोल-डीजल डीलर्स एसोसिएशन भी पेट्रोल डीजल पर टैक्स कम करने की मांग करने लगी है । मप्र में रसोई गैस सिलिंडर भी महंगा मिल रहा है । राजधानी भोपाल में इसकी कीमत 825 रुपये तक पहुंच गई है । फरवरी व मार्च में चार बार कीमत बढ़ चुकी है। नवंबर-20 में 600 रुपये में मिल रहा था । तब से अब तक प्रति सिलिंडर 225 रुपये तक कीमत बढ़ चुकी है ।

बजट में स्वास्थ्य पर रहा जोर –
स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार मिशन निरामय लागू करेगी । प्रदेश के उप स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ परामर्श के लिए हब एंड स्पोक मॉडल के जरिए टेली मेडिसन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी । इंदौर, भोपाल, रीवा मेडिकल कॉलेजों में 165 एमबीबीएस की सीटें बढ़ेंगी । 6 नर्सिंग कॉलेजों में 390 बीएससी नर्सिंग सीटों को बढ़ाकर 810 किया जाएगा । 9 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज शिवपुरी राजगढ़, मंडला, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर, दमोह, छतरपुर और सिवनी में खोले जाएंगे । गैस पीड़ितों को मध्य प्रदेश अपने स्रोत से पेंशन उपलब्ध कराएगी । स्वास्थ्य और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 15 हजार 622 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

कृषि क्षेत्र –
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत तीन हजार दो सौ करोड़ का प्रावधान किया गया है । जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में मृदा एवं क्रियाशील फाइटोसैनिटरी प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी । मुख्यमंत्री फसल उपार्जन सहायता योजना लागू की जाएगी । इसके तहत राज्य की उपार्जन संस्थाओं नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड को दो हजार करोड़ की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है । प्रदेश की 4 हजार 500 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं का कंप्यूटराइजेशन कराया जाएगा । इसके लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है ।

नगरीय विकास और आवास –
भोपाल इंदौर में रेल मेट्रो परियोजना के लिए 262 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है । हाउसिंग फॉर ऑल योजना के लिए 15 हजार 100 करोड़ अमृत योजना के तहत 1000 करोड़ स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चयनित शहरों के विकास के लिए 900 करोड़ का प्रावधान किया गया है । ग्रामीण एवं शहरी जल जीवन मिशन के लिए बजट मैं 337% की बढ़ोतरी कर 5 हजार 962 करोड़ का प्रावधान किया गया है । निर्मल भारत अभियान के लिए 500 करोड़ का प्रावधान लोक निर्माण विभाग के बजट में 475 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी. 6 हजार 886 करोड़ से बढ़ाकर 7 हजार 341 करोड़ किया गया.जल संसाधन विभाग के बजट को बढ़ाकर 6 हजार 436 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पिछले 50 वर्ष में यह 6 हजार 64 करोड़ रुपए था.अनुसूचित जाति जनजाति को सौगात24 कन्या परिसरों और चार गुरुकुलम आवासीय विद्यालयों का एकलव्य विद्यालयों से अपडेट किया. जिसे सीबीएसई बोर्ड से जोड़ा जाएगा.38 आश्रम शालाओं में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्री प्राइमरी कक्षाओं का संचालन किया जाएगा।

प्रदेश सरकार के बजट पर पूर्व सीएम कमलनाथ का ट्वीट –
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि आज पेश मध्यप्रदेश सरकार का बजट झूठ का पुलिंदा, दिशाहीन,निराशाजनक और सिर्फ आंकड़ों का मायाजाल है. उम्मीद थी कि इस बजट में पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों से जनता को राहत प्रदान करने के लिये वैट में सरकार कमी करेगी , पंजीयन शुल्क में कमी होगी ।
दूसरे ट्वीट में लिखा क़र्ज़ माफ़ी योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। रोज़गार के नये अवसर को लेकर ठोस कार्ययोजना होगी, बदहाल शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में ठोस कार्ययोजना होगी । प्रदेश में बढ़ती बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाओं को रोकने के लिये ठोस कार्ययोजना होगी ।
वहीं कमलनाथ ने आखिरी ट्वीट में लिखा कि इस बजट में नया कुछ नहीं है, जनता की उम्मीदों के विपरीत यह बजट है ।