प्रवीण दुबे खंडवा ब्यूरो – श्री धूनी वाले दादा जी दरबार में गुरु पूर्णिमा पर पांच लाख के श्रद्धालु दादा जी के दर्शन कर्नेगे , गुरु पूर्णिमा पर खंडवा के दादा जी दरबार में लगता हैं मेला , प्रशासन ने की तैयारियां …
खंडवा – श्री धुनि वाले दादा जी दरबार धाम में आज से गुरु पूर्णिमा पर्व की शुरुवात हो गई । दो दिवसीय पर्व में देश विदेश के करीब 5 लाख श्रद्धालु श्री दादा जी के दरबार में दर्शन करेंगे । धुनि वाले दादा जी की ख्याति देश ही नहीं विदेशों तक है जिसके चलते देश के अलग अलग राज्यों से व् विदेशों से भक्त गुरु पूर्णिमा पर खंडवा आते हैं । अवधूत संत श्री दादाजी धूनीवाले की खंडवा स्थित समाधि स्थल पर हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर देश विदेश से 5 लाख से अधिक भक्त दादाजी के दर्शनार्थ पहुंचते हैं । उत्सव को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट, जिला प्रशासन, नगर निगम की सभी तैयारियां पूर्ण सारा शहर बनेगा मेजबान आना जाना खाना सब कुछ फ्री यहां देने वाले भी दादाजी और पाने वाले भी दादाजी आने वाले 4 दिन शहर होगा भक्ति से सराबोर देश दुनिया में खंडवा एकमात्र शहरे जहां की रहने वाला हर एक व्यक्ति आने वाले श्रद्धालु भक्तों की मेजवानी के लिए दिलोजान जुटता है । अवधूत संत श्री दादाजी धूनीवाले नरसिंगपुर जिले के साईंखेड़ा से खंडवा आकर यहां रुके थे और यहीं उन्होंने समाधि ली उनके बाद श्री छोटे दादाजी महाराज ने इलाहाबाद में कुंभ के दौरान अपनी देह त्यागी उनके कहे अनुसार उनका शरीर इलाहाबाद से खंडवा लाया गया यहीं पर उनकी समाधि भी दादा जी महाराज के बाजू में स्थित है दोनों ही समाधि पर प्रतिदिन नियमानुसार गंगाजल नर्मदा जल दूध दही जल से मालिश सेवा पूजन किया जाता है । दादाजी मन्दिर ही एक मात्र मन्दिर है जो कि 24 घंटे 365 दिन खुला रह्ता है दादाजी परिसर में मां नर्मदा का मंदिर भी हैं दरबार मे अखंड ज्योति ज्वलायमान है तो वही दादाजी के समय से निरंतर प्रज्वलित धूनी माई भी हैं जो की तभी से जल रही हैं जिसकी भभूत मात्र से भक्तौ की पीड़ा दूर होती हैं बड़े दादा जी को भगवान विष्णु का स्वरूप श्री केशवानंद महाराज तो वहीं छोटे दादा जी महाराज को श्री हरिहर भोले भगवान कहा जाता है। यहां दादाजी महाराज के अनेक किस्से सुनने को मिलते हैं जिसमें कि उनके द्वारा अपनी लीलाओं से चमत्कार बताये गये श्री गौरी शंकर महाराज की जमात में श्री केशवानंद बड़े दादाजी बाल्य अवस्था में शामिल हुए थे वह कहां जन्मे कहां से आए यह कोई नहीं जानता था। लेकिन आज देश दुनिया मे उनके अनेको भक्त दीवाने हैं जो गुरु पूर्णिमा पर खिचे चले आते है यहाँ लाल पत्थरों का विशालकाय मन्दिर प्रस्तावित है जिसका की काम शुरू हो चुका है जल्द ही आकर लेगा।
गुरु पूर्णिमा पर्व की सबसे बड़ी विशेषता
पूरे पर्व के दौरान लाखों भक्त कदम कदम पर लगने वाले भंडारों में ऐसा कोई पकवान नहीं जो नहीं बनता हो ओर आने वाले श्रद्धालुओं को खाने को नहीं मिलता हो । मंदिर सहित पूरा शहर भक्ति मय नजर आता हैं। मंदिर की विशेष साज सज्जा की जाती है ।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देशभर से सैकड़ों किलोमीटर दूर लोग पैदल चलकर निशान लेकर जत्थों के रूप में खंड़वा श्री दादाजी दरबार पहुंचते हैं और अपनी आस्था और विश्वास के रूप में निशान चढ़ा कर माथा टेकते हैं ।