आशीष रावत…..देश में सबसे पहले दिवाली की शुरुआत महाकाल मंदिर से होती है। धनतेरस पर बाबा महाकाल की फुलझड़ियों से आरती के बाद देश में दीपोत्सव का आगाज होता है। पांच दिनों तक मंदिर में भव्य रूप से दिवाली मनाई जाती है। दिवाली के मौके पर बाबा महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया गया।

हर साल की तरह इस साल भी देश में सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर में दिवाली मनाई गई। रूप चौदस और दिवाली का पर्व एक ही दिन होने के चलते भस्मारती में बाबा महाकाल का पंचामृत से अभिषेक किया गया फिर चंदन का उबटन लगाया गया। सुबह होने वाली भस्म आरती में पुजारियों ने बाबा महाकाल की फुलझड़ियों से आरती की। इस मौके पर मंदिर को खूबसूरत फूलों से सजाया गया है।

दिवाली के मौके पर बाबा महाकाल को 56 प्रकार के व्यंजन भोग में अर्पित किए गए। इस मौके पर मंदिर के गर्भगृह, नंदी हॉल में फूलों से आकर्षक सजावट की गई है। बड़ी संख्या में भक्त दिवाली मनाने महाकाल धाम पहुंच रहे हैं। मंदिर में आकर्षक लाइटिंग भी दर्शनार्थियों का मन मोह रही है।

श्री महाकाल महालोक में एक लाख दीप जलेंगे…..
नवनिर्मित श्री महाकाल महालोक में दीपावली पर एक लाख दीपक जलाए जाएंगे। भक्ति के आलोक से संपूर्ण लोक दैदीप्यमान होगा। दीपोत्सव के लिए श्री महाकाल लोक में अलग-अलग सेक्टर बनाए गए हैं। दोपहर में प्रत्येक सेक्टर में दीपक रखकर उनमें तेल व बाती रखी जाएगी। शाम छह से सात बजे के बीच दीप प्रज्वलित किए जाएंगे।