मंदिर को सलामी देने के लिए ट्रेन दो मिनट के लिए यहां रोक दी जाती है…..
भारत में अनोखे और बेसिमाल मंदिरों की कोई गिनती नहीं है। यहां हर एक मंदिर का अपना अलग महत्व और मान्यताएं भी हैं। मध्य प्रदेश में भी एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर हैं ,जंहा सलामी देने के लिए ट्रेन को दो मिनट के लिए रोक दीया जाता है । यह मंदिर इंदौर जिले की महू तहसील में है। हालांकि यह किसी देवी-देवता का नहीं बल्कि टंट्या भील का है। अंग्रेजों से लड़ने वाले टंट्या भील के मंदिर को सलामी देने के लिए ट्रेन दो मिनट के लिए यहां रोक दी जाती है। कहा जाता है कि सलामी के बाद ही ट्रेन में सवार यात्री सही सलामत अपनी मंजिल तक पहुंच पाते हैं। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि अगर ट्रेन रुककर सलामी नहीं देती तो वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है या फिर गहरी खाई में गिर जाती है। कई लोग तो इस बात को भी मानते हैं कि अगर ट्रेन नहीं रोकी तो इंजन ही बंद हो जाता है । इसी बात को मानते हुए रेलवे ने भी इसे अघोषित नियम मानकर नियम बना दिया है. जब भी यहां से कोई ट्रेन गुजरती है तो वो रुककर और हार्न बजाकर ही आगे बढ़ती है ।
भारत में ऐसे कई रेलवे स्पॉट हैं जो विज्ञान के इस युग में भी रहस्यमयी बने हुए हैं। वहीं जब अंग्रेजों ने टंट्या भील को फांसी देने के बाद उनका शव पातालपानी के कालाकुंड रेलवे ट्रैक के पास दफना दिया था। कहते हैं कि टंट्या मामा का शरीर तो खत्म हो गया, लेकिन आत्मा अमर हो गई।