नीलेंद्र मिश्रा इनसे मिलिए ये है जन जन के प्रिय शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश की राजनीती में आज श्री शिवराज सिंह चौहान का कोई सानी नहीं। मध्य प्रदेश के छोटे से गांव से आने वाले श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश को खुशहाल समृद्ध बनाया है। श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश को विकास का वो रास्ता दिखाया जो ५० सालो में कांग्रेस नहीं दिखा पाई थी। मध्य प्रदेश एक समय में बीमारू राज्यों की गिनती में आता था पर आज विकसित राज्यों में गिना जाता है। श्री शिवराज सिंह के १५ सालो का नतीजा है की राज्य में आज बिजली पानी सड़क का लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है। प्रदेश के मुख्य मंत्री होने के नाते श्री शिवराज सिंह चौहान ने हमेशा प्रयास किया की राज्य की जनता ‘खुशहाल हो। प्रदेश की महिलाये आज श्री शिवराज सिंह चौहान को एक भाई के रूप अपने साथ खड़ा मानती है जो उनके सुख दुःख में उनकी रकछा करेगा। प्रदेश की बेटियों में शिवराज सिंह मामा के रूप में जाने जाते है। प्रदेश की जनता को १५ सालो में श्री शिवराज सिंह ने कई सौगातें दी है। चाहे एक गरीब परिवार हो या किसान सबके हितो के लिए श्री शिवराज सिंह चौहान ने दिन रात एक कर सबको लाभ पहुंचाया। श्री शिवराज की लोकप्रियता मध्य प्रदेश में कोई से छुपी नहीं है बच्चो से लेकर बुजुर्ग तक शिवराज सिंह चोहन को बखूबी जनते है। शिवराज सिंह चौहान आज मध्य प्रदेश के किसी भी शहर गांव चले जाये उन्हें छेत्र की जनता पलको पर बिठाल लेती है। मुख्य मंत्री के तोर पर प्रदेश में कई योजनाओ की शुरुवात शिवराज सिंह चौहान ने की हैं। श्री शिवराज सिंह चोहन की सबसे लोकप्रिय और पसंदीदा योजनाओ में मुख्य मंत्री कन्यादान योजना,लाड़ली लक्छ्मी योजना बुजुर्गो के लिए तीर्थ दर्शन योजना गरीबो के लिए संबल योजना काफी लोकप्रिय हैं।

एक नजर श्री शिवराज सिंह चौहान के जीवन पर ….
जन्म 5 मार्च 1959, पिताश्री प्रेमसिंह चौहान और माता श्रीमती सुंदरबाई चौहान। वर्ष 1992 में श्रीमती साधना सिंह के साथ विवाह। स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा। सन् 1975 में मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल के छात्रसंघ अध्यक्ष। आपात काल का विरोध और 1976-77 में भोपाल जेल में निरूद्ध। अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन और जेल यात्राएं। सन् 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक।
सन् 1977-78 में अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के संगठन मंत्री। सन् 1978 से 1980 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। सन् 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
श्री चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। वे 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने।
श्री चौहान 1991-92 मे अखिल भारतीय केसरिया वाहिनी के संयोजक तथा 1992 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बने। सन् 1992 से 1994 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव नियुक्त। सन् 1992 से 1996 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति, 1993 से 1996 तक श्रम और कल्याण समिति तथा 1994 से 1996 तक हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
श्री चौहान 11 वीं लोक सभा में वर्ष 1996 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पुन: सांसद चुने गये। सांसद के रूप में 1996-97 में नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति,मानव संसाधन विकास विभाग की परामर्शदात्री समिति तथा नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार 12 वीं लोक सभा के लिए सांसद चुने गये। वह 1998-99 में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1999 में विदिशा से चौथी बार 13 वीं लोक सभा के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-2000 में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-2001 में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे।


सन् 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति (लोक सभा) के अध्यक्ष तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे। श्री चौहान 2000 से 2004 तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। श्री शिवराज सिंह चौहान पाँचवीं बार विदिशा से 14वीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव,भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे।


श्री चौहान वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये।
श्री चौहान को 29 नवम्बर 2005 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में श्री चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। श्री चौहान को 10 दिसम्बर 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसमति से नेता चुना। श्री चौहान ने 12 दिसम्बर 2008 को भोपाल के जम्बूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के निर्वाचन में भी श्री चौहान के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की। श्री चौहान को 165 सदस्यीय भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल ने तीसरी बार सर्वसम्मति से अपना नेता चुना। श्री चौहान ने 14 दिसम्बर 2013 को भोपाल के जम्बूरी मैदान में लगातार तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।