आशीष रावत…उज्जैन भक्तों को भगवान महाकाल के एक साथ सात रूपों के दर्शन हुए महाकाल मंदिर से शाम 4 बजे शाही ठाठ बाट के साथ सवारी शुरू हुई…
श्रावण मास में भगवान महाकाल की सातवीं सवारी सोमवार को निकाली गई। भगवान महाकाल जटाशंकर स्वरूप में दर्शन दे रहे हैं। इस दिन नागपंचमी का संयोग होने के कारण भक्तों की भारी भीड़ है। मंदिर से सवारी निकलने से पहले सशस्त्र पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पूजन के बाद सवारी निकलना प्रारंभ हुई।
भगवान महाकाल के स्वागत में सड़कों पर रंगोली सजाई गई है। सवारी में भक्त शिव के स्वरूप, राधा-कृष्ण, भगवान विष्णु-लक्ष्मी समेत कई झांकियां चल रही हैं। डीजे की धुन पर भक्त नाचते-गाते चल रहे हैं। सवारी में चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा विराजित है। वहीं, गरुड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा, नंदी रथ पर उमा महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, रथ पर घटाटोप और आखिर में जटाशंकर का मुखारविंद शामिल है।
परंपरागत मार्गों से होते हुए बाबा महाकाल की पालकी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी । यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे । पूजन पश्चात महाकाल सवारी पुन: मंदिर के लिए रवाना होगी ।